तृणमूल कांग्रेस के विधायक बीरबहा हांसदा ने सोमवार को राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के संबंध में विवादित टिप्पणी कर दी है। इससे सियासी पारा चढ़ गया है। उन्होंने द्रौपदी मुर्मू के धर्म पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि आदिवासी हिंदू नहीं होते हैं और द्रौपदी मुर्मू में अपना धर्म हिंदू बताया है। टीएमसी विधायक का यह बयान उस समय सामने आया है, राष्ट्रपति पद के लिए लोकसभा, राज्यसभा और राज्यों के विधानसभा में राष्ट्रपति चुनने के लिए मतदान हो रहा है। पश्चिम बंगाल विधानसभा में संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के पक्ष में मतदान करने के बाद वीर बहाने मीडिया के सामने उपर्युक्त बातें कहीं। तृणमूल कांग्रेस के विधायक के इस बयान के बाद भाजपा की ओर से भी प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई है।
हम आदिवासी जरूर हैं लेकिन सही गलत समझते हैं
टीएमसी विधायक बीरबहा हांसदा कहा कि मैं आदिवासी हूं। हम आदिवासी लोग अपने धर्म क्या स्थान पर सारी धर्म लिखते हैं और सारी धर्म को ही मानते हैं। जबकि राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने अपने धर्म के स्थान पर हिंदू लिखा है। सच्चाई यह है कि आदिवासी हिंदू नहीं होते। उन्होंने कहा कि भाजपा यदी सारी धर्म मानने वाले किसी को उम्मीदवार बनाती तो हम लोग खुलकर उसका समर्थन करते। भाजपा की ओर से द्रौपदी मुर्मू के आदिवासी होने का झूठा प्रचार किया जा रहा है। हम लोग भले आदिवासी हैं लेकिन सच और झूठ को तो समझते ही हैं।
ममता पहले ही द्रौपदी मुर्मू को मान चुकी हैं आदिवासी
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी पहले ही कह चुकी हैं कि अगर भाजपा पहले बताती कि एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाएगी तो वह समर्थन के बारे में जरूर सोचतीं। सोचते। अब उनकी ही पार्टी के विधायक का इस तरह का बयान अपने आप में सवालों के घेरे में है।