Kolkata news West Bengal news, national news, National politics, Congress, TMC, Rahul Gandhi : लोकसभा चुनाव में केन्द्र की सत्ता से नरेन्द्र मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए भले ही विपक्ष ने एकजुट होकर आईएनडीआईए गठबंधन बनाया है, लेकिन इसमें तालमेल बिठाना आसान नहीं हो रहा। राज्यों में माकपा, कांग्रेस और तृणमूल एक-दूसरे पर तो अमूमन हमलावर रहते हैं, अब राष्ट्रीय स्तर पर भी इनमें ‘तू-तू, मैं-मैं’ होने लगी है।
85 शहरों में राहुल की न्याय यात्रा का पड़ाव होगा
लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी ने न्याय यात्रा की घोषणा की है, जिसकी शुरुआत मणिपुर से होगी। मुम्बई तक जानेवाली यात्रा के दौरान 85 शहरों में इसका पड़ाव होगा, जिसमें पश्चिम बंगाल के भी कई हिस्से शामिल हैं। 14 जनवरी से शुरू होनेवाली यह यात्रा 20 मार्च तक चलेगी। खबर है कि यह जिन राज्यों से गुजरेगी, वहां कांग्रेस के सहयोगी दलों के नेता इसमें शामिल होंगे। लेकिन, बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने इससे दूरी बनाने का निर्णय लिया है।
पार्टी के एक नेता ने शुक्रवार को बताया कि राहुल गांधी की न्याय यात्रा से तृणमूल का कोई सम्बन्ध नहीं है, ना इस यात्रा के सम्बन्ध में उनकी पार्टी से राय ली गयी। बंगाल से न्याय यात्रा ले जाने का क्या औचित्य है, समझ में नहीं आ रहा। जब बंगाल में हम उनके सहयोगी बनने को तैयार हैं, तो यह देखनेवाली बात होगी कि कांग्रेस नेता यहां आकर भाजपा पर हमलावर होते हैं या हमारी सरकार पर।
एक तरफ गठबंधन की बात और दूसरी तरफ हम पर ही हमला करेंगे, तो यह स्वीकार्य नहीं होगा
कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस को न्याय यात्रा की सूचना दी गयी है। इसमें उनके शामिल होने की उम्मीद है और गठबंधन धर्म भी यही कहता है। लेकिन, वे शामिल हों या ना हों, पूरे देश में न्याय के आश्वासन के साथ हमारी यात्रा चलेगी। वह बंगाल से भी गुजरेगी।
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा है कि बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी, ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोलते हैं। जाहिर-सी बात है कि आलाकमान ने उन्हें छूट दे रखी है। एक तरफ गठबंधन की बात करेंगे और दूसरी तरफ हम पर ही हमला करेंगे, तो यह स्वीकार्य नहीं होगा। उन्होंने कहा कि न्याय यात्रा से तृणमूल कांग्रेस का कोई सम्बन्ध नहीं है। कहां से गुजरेगी, क्या योजना होगी, वह कांग्रेस का निर्णय होगा, लेकिन हमारे लोग इसमें शामिल नहीं होंगे।