National News Update, New Delhi, Uniform Civil Code, Akali Dal Strongly Opposed, Wrote Letter To Law Commission: देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने की मोदी सरकार की पहल पर छिड़ी बहस के बीच शिरोमणि अकाली दल ने खुले रूप में विरोध करना शुरू कर दिया है। कहा है कि 22वें विधि आयोग ने यूसीसी का जो प्रस्ताव दिया था, वह देश के हित में नहीं है। अकाली दल ने कहा कि वास्तविक देशव्यापी अंतर-धार्मिक सहमति के बिना यूसीसी लागू करना, खासकर अल्पसंख्यकों के बीच, संविधान की भावना का उल्लंघन होगा और यह भय पैदा करेगा।
एकता के साथ एकरूपता को भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए
विधि आयोग के सदस्य (सचिव) को भेजे पत्र में अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल ने लिखा, ”एकरूपता को एकता के साथ भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए। भारत विविधता में एकता का प्रतीक है, एकरूपता में नहीं। केवल एक सच्चा संघीय ढांचा ही हमारी समस्याओं का समाधान कर सकता है और भारत को एक वैश्विक महाशक्ति बना सकता है।”
मोदी सरकार से किया इस विचार को आगे ना बढ़ाने का किया आग्रह
मोदी सरकार से यूसीसी के विचार को आगे नहीं बढ़ाने का आग्रह करते हुए सुखबीर बादल ने केंद्र से इस मुद्दे पर कोई भी फैसला लेने से पहले देशभक्त सिख समुदाय की भावनाओं का सम्मान करने की अपील की है और कहा कि यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि संवेदनशील सीमावर्ती राज्य पंजाब में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव हमेशा सर्वोच्च राष्ट्रीय प्राथमिकता बनी रहनी चाहिए।
जनजातियों को भी प्रभावित करता है प्रस्तावित यूसीसी
पत्र में यह भी कहा गया है कि प्रस्तावित कानून के सभी विवरणों को अंडरलाइन करते हुए एक मजबूत मसौदा तैयार किया जाना चाहिए। इस मसौदे को पूरे देश में लोगों के बीच प्रसारित किया जाना चाहिए ताकि वे प्रतिक्रिया दे सकें। सुखबीर बादल ने यह भी कहा कि प्रस्तावित यूसीसी उन सामाजिक जनजातियों को भी प्रभावित करेगा जिनके अपने विविध रीति-रिवाज, संस्कृति और विभिन्न व्यक्तिगत कानून हैं।