मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद से शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। मुख्यमंत्री का कुर्सी गंवाने वाले उद्धव ठाकरे के सामने अब एक नई परेशानी आ खड़ी हुई है। परेशानी का कारण है राष्ट्रपति चुनाव। उद्धव ठाकरे विपक्ष के राष्ट्रपति पद के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के समर्थन में हैं। वहीं दूसरी ओर उनकी ही पार्टी के सांसदों ने राजग गठबंधन के राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुरमू को समर्थन देने के लिए उद्धव ठाकरे को पत्र लिख दिया है। सांसदों के इस पत्र से उद्धव ठाकरे की मुश्किलें बढ़ गई है। वह इस संकट से निकलने का रास्ता ढूंढ रहे हैं। उन्हें इस बात का अंदेशा है कि यदि वह सांसदों की बात पर अमल नहीं करते हैं तो वह भी उनका साथ ना छोड़ दें। जैसे हाल में ही उन्हीं के दल के विधायकों ने उनका साथ छोड़ दिया था।
अब शिवसेना संसदीय दल में फूट के आसार
अब शिवसेना संसदीय दल में फूट पड़ने की संभावना दिख रही है। शिवसेना के सांसद राहुल शेवाले ने शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर भाजपा की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने की मांग की है। हालांकि अभी तक इस संबंध में उद्धव ठाकरे ने कोई निर्णय नहीं लिया है। बताते चलें कि अगले कुछ दिन में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने को है। भाजपा ने द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष ने यशवंत सिन्हा को मैदान में उतारा है। देश में भाजपा के पास बहुमत है। इसके बाद भी उद्धव ठाकरे पर शिवसेना के सांसद मुर्मू का समर्थन करने का दबाव बना रहे हैं। जबकि अभी तक शिवसेना ने राज्य में महाविकास आघाड़ी का साथ नहीं छोड़ा है। इसलिए शिवसेना संसदीय समूह के सभी 18 सांसद पशोपेश में हैं।