Unity in Diversity: Here is a wonderful example of unity and brotherhood through the path of Ram, Rahim and Christopher, Karnataka news, mangaluru news : धर्म और संप्रदाय के नाम पर आज भले ही तनातनी आम बात हो गई है। देखते ही देखते पड़ोसी इसके नाम पर एक-दूसरे से लड़-भिड़ जा रहे हैं, एक समाज दूसरे समुदाय के खिलाफ गोलबंद हो जा रहा है। देखते ही देखते तलवारें निकल जा रही हैं, फायरिंग शुरू हो जाती है, लोग एक-दूसरे को मारने पर उतारू हो जाते हैं। ऐसे में कर्नाटक का एक छोटा सा गांव मेंगलुरु का पावूर सांप्रदायिक सौहार्द का अनोखा उदाहरण पेश कर रहा है। आइए, साम्प्रदायिक सद्भाव का संदेश दे रहे इस गांव के बारे में कुछ और जानकारी लें।
ईश्वर के संतान हैं, खुदा के बंदे हैं, ईशा के पुत्र और गुरुनानक देव के संतान हैं
यहां राम रहीम और क्रिस्टोफर को अपने-अपने आराध्य देव को पूजने की पूरी छूट है। हां, उनतक पहुंचने का मार्ग एक है। मानो कह रहा है कि मंदिर, मस्जिद, चर्च भले ही हमने बनाया है, परंतु उसमें विराजमान आराध्यदेव एक हैं। वे सर्व मंगलकारी हैं। उनकी नजर में न कोई हिन्दू है, न मुस्लिम, न क्रिश्चन और न ही सिख, बल्कि सभी ईश्वर के संतान हैं, खुदा के बंदे हैं, ईशा के पुत्र और गुरुनानक देव के संतान है।
विधायक यूटी खादर की पहल, सराह रहा जमाना
अनेकता में एकता का बोध कराने की यह पहल मेंगलुरु के विधायक यूटी खादर की है। यहां जिस एक रास्ते से होकर आप बैजनाथ मंदिर, अल मुबारक जुम्मा मस्जिद और इन्फेंट जीसस चर्च तक पहुंचेंगे, उसकी आधारशिला इन्होंने ही रखी है। बकौल खादर, यह विविधता में भारत की एकता का प्रतीक है। यह पहल हर स्तर पर की जानी चाहिए। इंसान का इंसान से हो भाईचारा का यह संदेश तभी देश के कोने-कोने में गुंजायमान होगा।