Aligarh Uttar Pradesh latest Hindi crime news : गुस्सा मानव जीवन का हिस्सा है। गाहे-बगाहे, परिस्थितिवश गुस्सा आ ही जाता है। लेकिन इसकी भी एक सीमा होनी चाहिए। कहते हैं क्रोध अग्नि के समान है, जो देखते ही देखते आपको अंदर ही अंदर जला डालता है। इस स्थिति में कभी-कभी आप वह कर बैठते हैं, जिसके लिए ताउम्र पछतावा और दर्द के अलावा कुछ भी नहीं बच जाता। इसी रविवार अलीगढ़ में घटी एक घटना ने गुस्से की आग की एक ऐसी बानगी पेश की है, जिसे सुनकर आप अंदर ही अंदर हिल उठेंगे। यहां एक मां ने गुस्से में आकर छह वर्ष की अपनी मासूम को जिंदा जला डाला।क्या है माजरा, कैसे घटी घटना, आप भी जानें…
पहले साड़ी से हाथ-पांव बांधा, फिर सैनीटाइजर उड़ेला
इसे गुस्सा की पराकाष्ठा ही कह लें। मासूम का कुसूर बस इतना था कि मां के मना करने पर भी वह बच्चों के साथ खेलने बाहर चली गई थी। इसी बीच कुछ बच्चों से उसकी झड़प हो गई और वह रोती हुई घर पहुंच गई। यह देख उसकी मां आशा सिर्फ इसलिए नाराज हो गई कि उसके कहने के बावजूद बच्ची बाहर क्यों गई। उसे इतना गुस्सा आया कि बिना कुछ सोचे-समझे उसने पहले बेटी को जमकर फटकार लगाई, फिर सारी से उसके हाथ-पांव बांध डाले, इससे भी जब मन नहीं भरा तो रसोई से सैनिटाइजर लाकर बच्ची पर उड़ेल दिया और आग लगा दी। इधर, शोरगुल और आग की लपटें उठती देख आस-पड़ोस के लोग एकत्रित हो गए। इस घटनाक्रम में आशा के भी दोनों हाथ झुलस गए। पड़ोसियों ने आनन-फानन में आशा की बेटी को अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
रात में किया अंतिम संस्कार, चिता से हड्डी ले गई पुलिस
मामला और आगे न बढ़े, रातोंरात बच्ची का अंतिम संस्कार कर दिया गया। हालांकि देर से ही सही, घटना के 24 घंटे बाद इसकी जानकारी पुलिस को मिली और पुलिस बच्ची की चिता से डीएनए जांच के लिए हड्डियां चुनकर ले गई। मृत बच्ची का नाम वंदिनी था और वह तीन भाई- बहनों में सबसे छोटी थी। बहरहाल, बच्ची के पिता भानु ने अपनी ही आरोपित पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस मामले की पड़ताल में जुटी है।