UP (उत्तरप्रदेश) में आगरा के शाहगंज इलाके में 5 अक्टूबर की सुबह देखते ही देखते आर. मधुराज हॉस्पिटल भीषण आग लपटों में घिर गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हादसे में हॉस्पिटल संचालक डॉ. राजन, उनकी बेटी और बेटे की मौत हो गई। तीनों के शव अग्निशमन विभाग के दमकलकर्मियों ने निकाले। ग्राउंड फ्लोर से 3 मरीज और उनके तीमारदारों को भी रेस्क्यू किया गया। फिलहाल आग पर काबू पा लिया गया है।
बचाए गए मरीज दूसरे अस्पताल में शिफ्ट
अग्निकांड के बाद बचाए हुए मरीजों को नजदीक के दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कराया गया। धुआं से दम घुटने से उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। SSP प्रभाकर चौधरी ने बताया कि आग पर काबू पा लिया गया है। शुरुआती जांच में सामने आया कि ये हॉस्पिटल रिहायशी इलाके में घरनुमा बिल्डिंग में चल रहा था। संचालक के पास CMO ऑफिस का रजिस्ट्रेशन, फायर एनओसी, फायर फाइटिंग सिस्टम था या नहीं, ये पता किया जा रहा है। फिलहाल 3 लोगों के मरने की पुष्टि हुई है।
सुरक्षित बचे डॉक्टर के पिता
डाक्टर राजन के पिता डालचंद इस हादसे में सुरक्षित बच गए। उन्होंने मीडिया से कहा,”मैं फर्स्ट फ्लोर के बाहर वाले कमरे में सो रहा था। राजन और बच्चे पीछे के कमरों में सो रहे थे। बच्चों में 15 साल की बेटी शालू और 14 साल का बेटा ऋषि था। सुबह करीब 4 बजे मैं उठा था। बाहर आकर गेट खोला तो सामने आग लग चुकी थी। ” उन्होंने बताया,”मैं बहुत तेज चिल्लाया। इसके बाद अंदर कमरे से राजन की आवाज सुनाई दी। उसने खुद को अंदर कमरे में बंद कर लिया, ताकि आग न फैले। बच्चों ने भी यहीं किया। शायद यही गलती हो गई। पहले धुआं कमरों में भरा, फिर आग फैल गई। फिर किसी को बचाया नहीं जा सका।”