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कहां जा रहा हमारा प्यारा इंडिया, AMU और मदरसों को बम से उड़ाने की होने लगी बात, कहां हैं मोदी जी, योगी जी…

कहां जा रहा हमारा प्यारा इंडिया, AMU और मदरसों को बम से उड़ाने की होने लगी बात, कहां हैं मोदी जी, योगी जी…

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UP News  : हमारे देश के सशक्त प्रधानमंत्री (PM) नरेंद्र मोदी जी न्यू इंडिया की बात और उसकी उपलब्धियों का संदेश पूरी दुनिया को देते हैं तो गर्व होता है, मगर इस न्यू इंडिया में जब एक समुदाय दूसरे समुदाय के खिलाफ आग उगलने लगे तो न जाने क्यों वह खामोश हो जाते हैं। यह नहीं होना चाहिए। यूपी के CM योगी आदित्यनाथ जी भी ऐसी बातों पर चुप्पी साध बैठते हैं। शायद इन्हें ऐसी बातें अच्छी लगती हैं। नहीं भी लग सकती हैं, इस विषय में कुछ दावे के साथ नहीं कहा जा सकता, मगर भावना और मन की अनुभूति की ओर इस तरह का ध्यान तो चला ही जाता है। मीडिया में यह खबर आ रही है कि यूपी के अलीगढ़ में महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद ने एक बड़ा विवादित बयान दे दिया है। श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के समापन पर नौरंगाबाद स्थित सनातन सभागार में महामंडलेश्वर ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) और मदरसों को बम से उड़ाने की बात कह दी। इस बयान के बाद पुलिस ने महामंडलेश्वर नरसिंहानंद, कार्यक्रम के आयोजक हिंदू महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूजा शकुन पांडे और राष्ट्रीय प्रवक्ता अशोक पांडे के खिलाफ थाना गांधी पार्क में मुकदमा दर्ज कर लिया है। 

यूपी सरकार करा रही मदरसों का सर्वे

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों के चल रहे सर्वेक्षण के बारे में बोलते हुए यति नरसिंहानंद ने कहा कि मदरसे जैसी संस्था नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन की तरह सभी मदरसों को बारूद से उड़ा दिया जाना चाहिए। इसके बाद मदरसों के सभी छात्रों को शिविरों में भेजा जाना चाहिए, ताकि कुरान नामक वायरस को उनके दिमाग से हटा दिया जाए।

AMU के छात्रों को भेज दें डिटेंशन सेंटर

यति नरसिंहानंद ने आगे कहा कि मदरसों की तरह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) को भी उड़ा दिया जाना चाहिए और इसके छात्रों को डिटेंशन सेंटर भेज दिया जाना चाहिए। इनके दिमाग का भी इलाज किया जाना चाहिए। बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब यति नरसिंहानंद पर अभद्र भाषा के लिए मामला दर्ज किया गया है। उन्हें इससे पहले पिछले साल हरिद्वार में अभद्र भाषा मामले में गिरफ्तार किया गया था। सवाल यह उठता है कि आखिर किस आधार पर गिरफ्तारी के बाद उन्हें रिहा करने की प्रक्रिया पूरी की गई। क्या ऐसे बयान राष्ट्र विरोधी नहीं हैं।

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