ना जाने क्यों आज के दौर में हमारी सोच इतनी विगलित क्यों होती जा रही है। सम्राट पृथ्वीराज को आप अगर किसी जाति विशेष के दायरे में बांधते हैं तो इससे उनकी महानता कम नहीं होती, लेकिन आपकी क्षुद्रता जरूर साबित होती है। ऐसी ही कुछ स्थिति उत्तर प्रदेश के शामली में उत्पन्न होती दिख रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यहां सम्राट पृथ्वीराज चौहान की प्रतिमा स्थापित करने का एलान किया गया है, लेकिन उससे पहले उनकी जाति को लेकर विवाद छिड़ गया है। क्षेत्र के गुर्जरों ने चौहान के गुर्जर होने का दावा करते हुए बीजेपी नेता सुरेश राणा के कार्यक्रम के विरोध का एलान किया है।
7 जून को है प्रतिमा का अनावरण
शामली के दुल्लाखेड़ी गांव में 7 जून को पृथ्वीराज चौहान की प्रतिमा का अनावरण किया जाना है। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री सुरेश राणा को आमंत्रित किया गया है। गुर्जर समाज इस कार्यक्रम का विरोध कर रहा है। क्षेत्र के गुर्जरों ने चौहान को राजपूत कहे जाने पर आपत्ति जताई है और दावा किया कि वह गुर्जर समुदाय से हैं।
हिंदू हृदय सम्राट की बात
आयोजन टीम में शामिल सीटू राणा ने कहा, “हमें गुर्जर समुदाय से कुछ विरोध प्रदर्शनों की सूचना मिली थी, लेकिन हमारा इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं है। सभी ग्रामीणों की सहमति से आयोजन के लिए पुराने बैनर हटा दिए हैं और उसकी जगह नए बैनर लगाए गए हैं। हम पृथ्वीराज चौहान को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कह रहे हैं। बैनर में जाति का कोई उल्लेख नहीं है।”