पैगंबरपुर विवादित टिप्पणी करने वाले भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा को लेकर शनिवार को ओडिशा विधानसभा में हंगामा हुआ। इस मुद्दे पर विधानसभा में भाजपा और कांग्रेस के विधायक आमने-सामने आ गए। दोनों ओर से शोर-शराबा होता देख विधानसभा अध्यक्ष विक्रम केशरी आरूख ने सदन की कार्यवाही को अपराह्न चार बजे तक स्थगित कर दी।कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्र ने इस मुद्दे को सदन में उठाते हुए कहा कि नुपुर शर्मा भाजपा की प्रवक्ता हैं। इसलिए पार्टी को उनके बयान की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। यह भी कहा क सुप्रीम कोर्ट ने नुपुर शर्मा की जो निंदा की है, वह परोक्ष रूप से भाजपा की ही निंदा है। ऐसे में इस प्रसंग पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक अपनी राय स्पष्ट करें।
कश्मीरी पंडितों का भी उठा मामला
कांग्रेस विधायक दल के नेता की इस टिप्पणी के बाद विरोधी दल के उपनेता भाजपा विधायक विष्णु सेठी ने जवाब दिया। भाजपा विधायक ने कहा कि राजस्थान के उदयपुर में जो घटना घटी है, उसकी जितनी भी निंदा की जाए, कम है। कांग्रेस सरकार ने क्या वहां इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा कि बयान पर विवाद होने के बाद भाजपा ने नुपुर शर्मा को निलंबित कर दिया। नुपुर शर्मा ने भी बाद में माफी मांग ली। यह भी कहा कि नुपुर शर्मा ओडिशा विधानसभा की सदस्य नहीं हैं, ऐसे में उनके मामले पर इस सदन में क्यों चर्चा की जाए। इसके बाद कश्मीरी पंडितों की बात उठाकर भाजपा विधायक ने कांग्रेस नेताओं की कड़ी आलोचना की।
स्पीकर के बार बार कहने पर भी जारी रहा हंगामा
स्पीकर विक्रम केशरी आरूख ने भी कहा कि जिस विषय पर हो-हल्ला हो रहा है, उसका इस सदन से लेना-देना नहीं है, ऐसे में इस विषय पर अधिक चर्चा नहीं हो सकती है। विधानसभा अध्यक्ष के इस वक्तव्य के बाद भी सदन में हंगामा जारी रहा। ऐसे में सदन की कार्यवाही को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया। 10 मिनट बाद भी हंगामा होता रहा। कांग्रेस और भाजपा के विधायक अपनी सीट से उठकर देर तक नारेबाजी करते रहे। हंगामा खत्म न होका देख विधानसभा अध्यक्षने सदन की कार्यवाही को अपराह्न 4 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।