Lucknow news : कुछ दिनों में ही उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। इसे लेकर वहां की राजनीति गर्म है। 10 सीटों में पांच पर भाजपा और पांच पर सपा का कब्जा है। लड़ाई इस बात की है कि कौन आगे रहेगा। इस बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक बयान जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी इन सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
सोशल मीडिया पर भी जारी किया बयान
मायावती ने लखनऊ में प्रदेश कार्यालय में पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों की एक समीक्षा बैठक में उपचुनाव लड़ने की घोषणा की। अमूमन उपचुनावों से दूर रहने वाली बसपा ने इस उपचुनाव को पूरे दमखम से लड़ने का फैसला किया है। मायावती ने कहा कि खासकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसकी सरकार द्वारा इसे (उपचुनाव को) प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लेने के कारण इन उपचुनावों में लोगों की रुचि काफी बढ़ी है, लिहाज़ा बसपा ने भी इन उपचुनावों में सभी (10) सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने और पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है। बसपा प्रमुख ने इस बयान की प्रति अपने आधिकारिक एक्स खाते पर भी साझा की।
दलितों को विभाजित करने का प्रयास
बसपा प्रमुख ने दावा किया, ‘‘इसी क्रम में धर्मांतरण पर नया कानून (लाया गया है), एससी-एसटी समाज के लोगों का उप-वर्गीकरण और ‘क्रीमी लेयर’ उन्हें विभाजित करने का नया प्रयास है। जातिगत जनगणना को नकारना, मस्जिदों-मदरसों और वक्फ के संचालन में सरकारी हस्तक्षेप किया जा रहा है।’’ इससे पहले रविवार को मायावती ने दावा किया कि आरक्षण की रक्षा करने का वादा करके लोकसभा सीटें जीतने वाली कांग्रेस एससी और एसटी के भीतर उप-वर्गीकरण के पक्ष में दिखती है और इन समुदायों में ‘क्रीमी लेयर’ को आरक्षण के लाभ से बाहर रखने के मुद्दे पर अब तक अपनी आवाज नहीं उठा रही है।