Home
National
International
Jharkhand/Bihar
Health
Career
Entertainment
Sports Samrat
Business
Special
Bright Side
Lifestyle
Literature
Spirituality

UTTAR PRADESH:  सीएम योगी आदित्यनाथ की अपील का असर, इस बार सड़कों पर नहीं हुई नमाज, बुलडोजर, फिर लाउडस्पीकर और अब ईद की नमाज पर उप्र ने पेश की कानून व्यवस्था की मिसाल

UTTAR PRADESH:  सीएम योगी आदित्यनाथ की अपील का असर, इस बार सड़कों पर नहीं हुई नमाज, बुलडोजर, फिर लाउडस्पीकर और अब ईद की नमाज पर उप्र ने पेश की कानून व्यवस्था की मिसाल

Share this:

ईद के मौके पर उत्तर प्रदेश ने इतिहास रचा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आह्वान पर इस बार पूरे प्रदेश में कहीं भी यातायात बाधित कर सड़कों पर ईद की नमाज नहीं अदा की गई। मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी योगी की अपील का समर्थन किया था। नतीजतन, ईद की नमाज ईदगाह अथवा अन्य तयशुदा पारंपरिक स्थान पर ही हुई। हापुड़ और लोनी (गाजियाबाद) सहित कई क्षेत्रों में जहां मस्जिद और ईदगाहों में जगह कम थी वहां तो अलग-अलग शिफ्ट में लोगों ने नमाज पढ़ी।

बीते वर्षों तक जहां 50 हजार से एक लाख लोग सड़कों और अन्य स्थानों पर नमाज पढ़ते थे

बीते वर्षों तक जहां 50 हजार से 01 लाख लोग सड़कों और अन्य स्थानों पर नमाज पढ़ते थे, वहां प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि ईद की नमाज सड़कों पर नहीं हुई। इससे पहले, अलविदा की नमाज के समय भी ऐसी ही अभूतपूर्व स्थिति देखी गई थी, जब मुख्यमंत्री की अपील पर लोगों ने मस्जिदों में ही नमाज अता की थी। यही नहीं ईद-उल-फितर, अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती के एक ही दिन होने से यूपी में जताई जा रही विवाद की आशंका भी निर्मूल साबित हुई। लोगों ने ईदगाहों में नमाज पढ़ी तो परशुराम जयंती पर विविध संगठनों ने शांतिपूर्ण आयोजन भी किए। प्रदेश के सभी 75 जिलों से हर्ष और उल्लास के साथ त्योहार मनाए जाने की सूचना है।

बीते दिनों, मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों को ईद, अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती के एक ही दिन होने पर जिला व पुलिस प्रशासन को अतिरिक्त संवेदनशील रहने को कहा था। साथ ही सड़क पर यातायात रोक कर नमाज पढ़ने से सामान्य जन को होने वाली परेशानी का हवाला देते हुए इस बाबत धर्मगुरुओं से संवाद बनाने के निर्देश भी दिए थे। मुख्यमंत्री के प्रयास का सकारात्मक असर देखने को मिला और कहीं भी सड़क पर नमाज नहीं हुई। योगी के निर्देश पर एहतियातन उप्र पुलिस ने सुरक्षा चाक चौबंद की थी। अनुमान के मुताबिक इस वर्ष प्रदेश में करीब 33 हजार जगहों पर नमाज अता की गई, इसमें 2,800 स्थानों को चिन्हित कर सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए गए थे।

उत्तर प्रदेश ने बताया- कानून सबके लिए समान, जनहित से कोई समझौता नहीं

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता का कहना है कि बुलडोजर मॉडल और धार्मिक स्थलों पर लगे अनावश्यक लाउडस्पीकर की समस्या के सौहार्दपूर्ण निदान के बाद अब सड़क पर नमाज पढ़ने की समस्या का आम सहमति से हल पेश करने वाले योगी आदित्यनाथ के लॉ एंड ऑर्डर मॉडल की सराहना हो रही है। इन दिनों देश के विभिन्न प्रान्तों में चल रहे लाउडस्पीकर विवाद के बीच यूपी में मुख्यमंत्री ने मंदिर-मस्जिद सहित सभी धर्मस्थलों पर तय मानकों के मुताबिक लाउडस्पीकर को कम आवाज में बजाने को कहा। मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर और गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर ने आगे बढ़कर इस आह्वान का समर्थन करते हुए लाउडस्पीकर की आवाज को कम किया अथवा उतारा तो स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों ने भी सभी धर्मगुरुओं से संवाद किया और स्वप्रेरणा से मस्जिदों से भी अनावश्यक लगे लाउडस्पीकर उतरने लगे। मंदिर हो या कि मस्जिद, नियम के विरुद्ध लगे लाउडस्पीकर उतरने के दृश्य यूपी में आम हो चले हैं। सबसे खास बात कि यह पूरी प्रक्रिया आम सहमति से हो रही है, कहीं से भी हिंसा, विवाद जैसी अप्रिय घटनाओं की कोई खबर नहीं आई।

रंग ला रही है योगी आदित्यनाथ की कोशिशें

सरकारी प्रवक्ता के अनुसार यूपी में बन रही शांति और सौहार्द की नई परंपरा सामाजिक सौहार्द और कानून-व्यवस्था को शीर्ष प्राथमिकता मानने वाले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कोशिशें रंग लाने लगी हैं। शांति और सौहार्द के साथ धार्मिक आयोजन होना यूपी में एक परंपरा बनती जा रही है, तो योगी के कानून व्यवस्था ने अन्य राज्यों के सामने नजीर भी पेश किया है। बीती रामनवमी पर देश के कई राज्यों से हिंसा और उत्पात की अनेक घटनाएं हुईं। रामनवमी के अवसर पर शोभा यात्रा निकली, तो शहर-शहर बलवा और बवाल हुआ, लेकिन उत्तर प्रदेश में 800 से अधिक शोभायात्राएं निकलीं और विवाद की एक भी घटना नहीं हुई।

Share this: