वाराणसी के श्रृंगार गौरी मामले में अधिवक्ता कमिश्नर के जरिए ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे कराने का आदेश देने वाले जज सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर ने गुरुवार को अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने अपने आदेश में कहा कि साधारण केस में भी डर का माहौल बनाया गया। डर इतना कि मेरे परिवार को मेरी और मुझे अपने परिवार की सुरक्षा की चिंता बनी रहती है। जज ने गुरुवार को ज्ञानवापी मामले में सर्वे के लिए नियुक्त किए गए एडवोकेट कमिश्नर का हटाने की मांग वाली याचिका पर फैसला सुनाते हुए ये बातें कहीं। कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर को हटाने से इनकार कर दिया है।
साधारण कार्यवाही को असाधारण बनाया
अपने आदेश के पेज नंबर 2 पर जिक्र करते हुए जज ने लिखा कि यह कमीशन कार्यवाही एक सामान्य कमीशन है, जो कि अधिकतर सिविल वादों में सामान्यतः करवाई जाती है। शायद ही कभी किसी मामले में अधिवक्ता कमिश्नर पर सवाल उठाए गए हों। इस साधारण से सिविल वाद को बहुत ही असाधारण बनाकर एक डर का माहौल पैदा कर दिया गया।
मां ने कमीशन पर जाने से रोका
जज ने बताया कि मां ने बातचीत के दौरान बताया कि मेरे घर से बाहर रहने पर पत्नी बार-बार मेरी सुरक्षा को लेकर चिंता करती रहती है। उन्हें मीडिया के जरिए यह जानकारी मिली कि मैं भी शायद कमिश्नर के रूप में मौके पर जा रहा हूं।मेरी मां ने मुझे मना किया कि मैं कमीशन पर न जाऊं क्योंकि इससे मेरी सुरक्षा को खतरा हो सकता है.
17 मई से पूर्व सर्वे कराने का आदेश
कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के लिए नियुक्त किए गए एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को हटाए जाने से इनकार कर दिया। अदालत ने कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा के अलावा विशाल कुमार सिंह और अजय सिंह को भी कोर्ट कमिश्नर बनाया है। यह दोनों लोग या दोनों में से कोई एक इस सर्वे के दौरान मौजूद रहेगा. साथ ही कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे 17 मई से पहले कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने 17 मई को सर्वे की अगली रिपोर्ट देने के लिए कहा है।