Uttarakhand News, National news, National update, New Delhi news, latest National Hindi news : लगभग 1 सप्ताह पहले की बात है। उत्तराखंड के बागेश्वर के एक स्कूल में 8 बच्चे बिना किसी कारण के अचानक एक साथ रोने, चीखने, जमीन पर लोटने और सिर पटकने लगते हैं। इनमें 6 लड़कियां और 2 लड़के हैं। इस घटना का वीडियो लगातार वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर इसे मास हिस्टीरिया का मामला बताया जा रहा है। बागेश्वर के डिप्टी CMO के अनुसार, उनकी टीम ने बच्चों की काउंसलिंग की, जिसके बाद उन्हें पता लगा कि वे पहले से घबराए हुए थे और खाली पेट स्कूल आए थे।
यह एक प्रकार का मेंटल डिसऑर्डर
इस विषय के विशेषज्ञ मनोवैज्ञानिक और मनोविश्लेषक बताते हैं कि यह एक तरह का मेंटल डिसऑर्डर या साइकोलॉजिकल प्रॉब्लम है। साइकेट्रिस्ट के मुताबिक, जब कोई व्यक्ति मेंटली या इमोशनली परेशान होता है, तो अपनी तरफ ध्यान आकर्षित करना चाहता है और असामान्य हरकतें करता है। इसमें एक व्यक्ति को ऐसा करते देख दूसरा, तीसरा और कई लोग असामान्य हरकतें कर सकते हैं। इसमें व्यक्ति अंदर ही अंदर घुट रहा होता है और अपना दर्द किसी को नहीं बता पाता है। वह चाहता है कि लोग उससे बात करें, उसकी समस्याएं पूछें।
इस तरह हिस्टीरिया बन जाता है मास हिस्टीरिया
विशेषज्ञ बताते हैं कि ज्यादातर लोग ऐसे पेशेंट को झड़वाने किसी मंदिर या तांत्रिक के पास ले जाते हैं, जहां पहले से कोई न कोई हिस्टीरिया का पेशेंट झूमता रहता है। दूसरा पेशेंट जब किसी ऐसे को देखता है तो, वो भी झूमना शुरू कर देता है। क्योंकि ऐसे पेशेंट एक-दूसरे को कॉपी करते हैं। तब हिस्टीरिया मास हिस्टीरिया बन जाता है।
हिस्टीरिया के पेशेंट का इलाज जरूरी
सबसे पहले उसे साइकोलॉजिस्ट के पास ले जाना चाहिए। साइकोलॉजिस्ट उसकी दबी हुई इच्छाएं पूछकर बाहर लाने की कोशिश करते हैं। फैमिली को जागरूक और एजुकेट करते हैं। पेशेंट की काउंसलिंग चलती है और उसे मेडिटेशन करवाया जाता है। हिप्नोथेरेपी से पेशेंट को काफी मदद मिलती है। हिप्नोथेरेपी में पेशेंट की दबी इच्छाओं को बाहर निकाला जाता है और उसकी मेंटल कंडीशन दूसरी बनाई जाती है। इन सब की मदद से पेशेंट धीरे-धीरे ठीक हो जाता है।