एक अप्रैल 2022 से 15 साल से पुराने वाहनों का दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना महंगा हो जाएगा। एक दशक से अधिक पुराने वाहनों के रजिस्ट्रेशन को रिन्यू कराने का खर्च अगले महीने से आठ गुना ज्यादा हो जाएगा। हालांकि दिल्ली के लोगों पर इस नियम का कोई असर नहीं पड़ेगा। अब 15 साल पुरानी कारों के रजिस्ट्रेशन को रिन्यू कराने का खर्च 600 रुपये की जगह 5,000 रुपये होगा। दो पहिया वाहनों के लिए ग्राहक को अब 300 रुपये की जगह 1,000 रुपये चुकाने होंगे। इसी तरह इंपोर्टेड कारों के लिए यह खर्च ₹15,000 से बढ़ाकर ₹40,000 कर दिया गया है।
देर होने पर लगेगा फाइन
प्राइवेट व्हीकल्स के री-पंजीकरण में देरी करने पर हर महीने ₹3000 का जुर्माना लिया जाएगा। कमर्शियल गाड़ियों के लिए यह जुर्माना हर महीने ₹500 का होगा। नए नियमों के अनुसार 15 वर्ष से पुराने हर निजी वाहन को हर पांच साल में नवीनीकरण के लिए आवेदन करना होगा। हालांकि, यह नियम राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को छूट देता है। दरअसल, दिल्ली में पेट्रोल वाहनों को 15 साल और डीजल वाहनों को 10 साल के बाद अमान्य माना जाता है।
कमर्शियल वाहनों पर भी बढ़ेगा बोझ
पुराने ट्रांसपोर्ट व कमर्शियल वाहनों के फिटनेस टेस्ट का भी खर्च अप्रैल से बढ़ जाएगा। परिवहन मंत्रालय द्वारा संशोधित दरों के अनुसार, 1 अप्रैल से फिटनेस टेस्ट की लागत टैक्सियों के लिए 1,000 रुपये की जगह 7,000 रुपये होगी। जबकि बसों और ट्रकों के लिए 1,500 रुपये की जगह 12,500 रुपये का शुल्क लिया जाएगा। इतना ही नहीं, 8 साल से पुराने कमर्शियल वाहनों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट जरूरी होगा।
एक करोड़ से ज्यागा वाहन स्क्रैपिंग के योग्य
भारत सरकार ने रजिस्ट्रेशन रिन्यू शुल्क में इसलिए बढ़ोतरी की है, जिससे वाहन मालिक अपने पुराने वाहनों को स्क्रैप कराने का विकल्प चुनें। रिपोर्ट के अनुसार भारत में एक करोड़ से ज्यागा वाहन स्क्रैपिंग के योग्य हैं। पुराने वाहनों को स्क्रैप करना आसान बनाने के लिए सरकार ने इस प्रक्रिया को ऑनलाइन भी कर दिया है।