भारत की छाती पर सांप्रदायिकता की कीलें चुभेंगी तो लोकतंत्र की जिंदगी तबाह होगी। मंदिर-मस्जिद के नाम पर नफरत का जहर विनाशक साबित होगा। अतः रुक कर सोचने की जरूरत है। सियासत के लिए वोट सर्वेसर्वा नहीं हो सकता। कुछ दिन पहले क़ुतुब मीनार का विवाद उठा तो रोज इसमें कुछ न कुछ ऐसा जुड़ते चला जाता है, जिसका अंत आगे नहीं दिखता। कुतुब मीनार पर चल रहे विवाद के बीच अब विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने फिर से मंदिर बनाए जाने की मांग की है। विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने 26 मई को कहा कि इस स्मारक को हिंदू मंदिर के रूप में फिर से स्थापित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम कुतुब मीनार स्थल पर हिंदू मंदिर, हिंदू महल या हिंदू भवन को फिर से स्थापित करने की मांग करते हैं।
पूजा स्थल अधिनियम 1991
गौरतलब है कि ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने 25 मई को एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र से पूजा स्थल अधिनियम 1991 के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने की मांग की, जिसकी धारा 3 पूजा स्थलों के बदलाव पर रोक लगाती है।
दीवारों पर हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां
एएनआई से बात करते हुए, जैन ने कहा, ‘महरौली का पूरा क्षेत्र दर्शाता है कि वहां हिंदू मंदिर थे। कुतुब मीनार में लौह स्तंभ के चारों ओर की दीवारों में हिंदू देवी की मूर्तियां हैं। साथ ही, कुतुब मीनार पर एएसआई बोर्ड का कहना है कि 27 मंदिरों को ध्वस्त कर इसे बनाया गया था।’ इसके अलावा विहिप नेता ने आरोप लगाया कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने परिसर में सालों तक बिना अनुमति के नमाज अदा की।