National News Update, Manipur, Imphal, Violence Again Erupted : भारत के नॉर्थ ईस्ट का एक महत्वपूर्ण राज्य पिछले कई दिनों से सामुदायिक विद्वेष की आग में झुलस रहा है। अभी तक केंद्र और राज्य की ओर से किए जा रहे सारे प्रयास विफल हैं। दोनों सरकारों की चिंता और प्रयास में स्पष्टता नहीं है। यहां मैतेई समुदाय को ST का दर्जा दिए जाने के खिलाफ 3 मई से शुरू हुई हिंसा 21 दिन बाद फिर भड़क गई है। बिष्णपुर जिले के त्रोंग्लाओबी गांव में कर्फ्यू में ढील देते ही हिंसा हुई। दरअसल, संदिग्ध कुकी लोगों ने मंगलवार को तीन मैतेई घरों को आग के हवाले कर दिया था। इस घटना का बदला लेते हुए दूसरे समुदाय ने भी चार घर जला दिए हैं। फिर हथियारों से लैस लोगों ने विष्णुपुर के मोइरांग के कुछ गांवों में हमला किया।
युवक को गोली लगी
हंगामे का शोर सुनकर मोइरांग के राहत शिविर के कुछ लोग बाहर आए। इस बीच, तोइजाम चंद्रमणि नाम के युवक को पीठ में गोली लगी जो सीने से होकर निकल गई। जानकारी मिलते ही असम रायफल्स के जवान मौके पर पहुंचे। उन्होंने मैतेई युवकों को भगाते हुए हिंसा बढ़ने से रोक दी। जवानों ने कई कुकी बंकर तोड़ दिए। घटना के बाद जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया है। जख्मी चंद्रमणि ने बाद में दम तोड़ दिया।
उठा सवाल, केवल शांति बहाली की बात क्यों, चाहिए स्थायी समाधान
कुकी समुदाय के लोगों का कहना है कि कुकी नेशनल ऑर्गेनाइजेशन (केएनओ) और यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (UPF) के साथ केंद्र और राज्य सरकार की राजनीतिक वार्ता के माध्यम से ही समाधान निकलना चाहिए। सरकारी प्रतिनिधि हमारे पास केवल शांति बहाली की बात करने क्यों आ रहे हैं। पहले हमारी समस्याओं का समाधान होना चाहिए। वहीं, मैतेई समुदाय ने कहा कि कुकी म्यांमार से आए घुसपैठिए हैं, इन्हें बाहर किया जाए। जबकि मैतेई यहां के भूमिपुत्र हैं।