West Bengal (पश्चिम बंगाल) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी सरकर पर केंद्रीय एजेंसियों का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। देश के सभी गैर-भाजपाई नेताओं से एकजुट होने की भी अपील की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ खड़े होने के लिए कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है। इसके अलावा उन्होंने एजेंसियों की कार्रवाई को लेकर बैठक भी बुलाई है। जान लें कि फिलहाल बीरभूम हिंसा के चलते बंगाल में सियासी विवाद छिड़ा हुआ है।
असंतोष की आवाज दबाने का विरोध
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने कहा कि विपक्ष को सत्तारूढ़ सरकार को जिम्मेदार ठहराने के लिए एकजुट हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘विपक्षी दल के तौर पर यह हमारी संवैधानिक जिम्मेदारी है कि इस सरकार को उसके कामों के लिए जिम्मेदार ठहराएं और असंतोष की आवाज को दबाने का विरोध करें। मैं सभी से एक जगह पर सुविधा के अनुसार, मीटिंग के लिए एक साथ आने की अपील करती हूं,ताकि आगे के रास्ते पर विचार किया जाए। यह समय की मांग है कि इस देश की सभी प्रगतिशील ताकतें एक साथ आएं और इस दमनकारी ताकत से लड़ें।
खोखले शासन की सुहावनी तस्वीर
ममता ने पत्र में आगे लिखा, ‘मैं इस देश के संस्थागत लोकतंत्र पर सत्तारूढ़ भाजपा की तरफ से हो रहे सीधे हमले पर चिंता जाहिर करने के लिए लिख रही हूं। ईडी, सीबीआई, सेंट्रल विजिलेंस कमिशन (CVC) और आयकर विभाग जैसी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल बदले के लिए निशाना साधने, परेशान करने और देशभर के सियासी प्रतिद्विंद्वयों को कमजोर करने के लिए किया जा रहा है।’ सीएम ने भाजपा पर कई आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि भाजपा शासित राज्यों को ‘उनके खोखले शासन की सुहावनी तस्वीर दिखाने के लिए इन एजेंसियों’ से मुफ्त का पास मिल जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा न्यायपालिका के कुछ खास वर्ग को प्रभावित करने के जरिए देश के संघीय ढांचे पर हमला करने की कोशिश कर रही है।