West Bengal News : कोलकाता एयरपोर्ट पर 19 अगस्त की शाम क्रॉसविंड की वजह से 20 विमान लैंड नहीं कर पाए। शाम 5 बजे से साढ़े 6 बजे तक ये विमान हवा में चक्कर काटते रहे। रात 8 बजे फिर आधे घंटे के लिए यही स्थिति बन गई। इस दौरान 11 विमानों के कैप्टन्स ने लैंडिंग की कोशिश भी की, लेकिन तेज हवा के चलते इंतजार करना पड़ा, क्योंकि ऐसी स्थिति में लैंडिंग से विमान के रनवे से भटकने का खतरा था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लैंडिंग न हो पाने की वजह से करीब डेढ़ घंटे तक सैकडों एयर पैसेंजर्स की सांसें अटकी रहीं। आम तौर पर क्रॉसविंड 10 मिनट से आधे घंटे तक देखी जाती हैं, लेकिन इस बार कोलकाता में इनका ड्यूरेशन बहुत ज्यादा था। इस दौरान कोलकाता पहुंचने वाले 9 विमानों को डायवर्ट भी करना पड़ा।
क्रॉसविंड और हवाई जहाज की गति व दिशा पर प्रभाव
विमान के उड़ने की दिशा की वर्टिकल डायरेक्शन में चलने वाली तेज हवाओं को क्रॉसविंड कहा जाता है। इनकी वजह से लैंडिंग के समय विमान रनवे से भटक सकता है। इससे हादसे की आशंका भी बनी रहती है। कोलकाता में क्रॉसविंड के समय 11 विमानों ने 16 बार रनवे पर उतरने कोशिश की थी। वहीं 9 विमानों को दूसरे एयरपोर्ट पर डायवर्ट कर दिया गया।
नहीं था हवाओं की तेजी का अंदाजा, जारी किया गया था अलर्ट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पायलट्स ने बताया कि मौसम विभाग ने तेज हवाओं का अलर्ट जारी किया था, लेकिन यह किसी को नहीं पता था कि इस तरह क्रॉसविंड का सामना करना पड़ेगा। आमतौर पर इसकी वॉर्निंग जारी की जाती है, लेकिन इस बार किसी को यह अनुमान नहीं था कि इतने लंबे समय तक क्रॉसविंड की वजह से विमानों को हवा में ही चक्कर लगाते रहना पड़ेगा।