40 वर्षों तक कांग्रेस पार्टी में रहने के बाद उसे बाय- बाय कहने वाले नेता गुलाम नबी आजाद के बारे में हर कोई यह जानना चाहता है कि अब आगे वह क्या करेंगे। इस बात को लेकर राजनीतिक गलियारे में तरह-तरह की चर्चाएं तैर रही हैं। इसी बीच जम्मू कश्मीर के पूर्व मंत्री ताज मोहिउद्दीन ने उनके बारे में नई जानकारी दी है। बता दें कि ताज मोहिउद्दीन भी कांग्रेस से इस्तीफा देकर गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व वाले मोर्चे में आ गए हैं। ताज मोहिउद्दीन की मानें तो जम्मू कश्मीर के कद्दावर नेता गुलाम नबी अपनी नई पार्टी बनाएंगे। वह 14 दिन के अंदर नई पार्टी की घोषणा भी करेंगे। अगर गुलाम नबी आजाद ने नई पार्टी बनाई तो कांग्रेस को जम्मू कश्मीर में भी भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
पीडीपी और नेशनल कान्फ्रेंस से मिला सकते हैं हाथ
गुलाम नबी आजाद की रणनीति का खुलासा करते हुए ताज ने आगे बताय कि गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व वाली नयी पार्टी जम्मू-कश्मीर नेशनल कान्फ्रेंस व पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) से गठबंधन को तैयार है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो आजाद की नई पार्टी इन दोनों दलों के साथ चुनाव में हाथ मिला सकती है। मीडिया से बातचीत करते हुए मोहिउद्दीन ने कहा कि हम अपनी नई पार्टी बनाएंगे। इसके लिए हम चुनाव आयोग से संपर्क स्थापित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गुलाम नबी आजाद किसी पार्टी में शामिल नहीं होंगे। हम अपने मोर्चे का किसी पार्टी में विलय भी नहीं करेंगे।
ताज ने कांग्रेस में आजाद की भूमिका की प्रशंसा की
पूर्व मंत्री ताज ने गुलाम नबी आजाद की कांग्रेस पार्टी में भूमिका की खूब प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि गुलाम नबी पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी के बाद सबसे पसंदीदा नेता थे। कांग्रेस पार्टी को नई ऊंचाइयां देने में गुलाम नबी आजाद की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। आजाद ने कई बार संकट की घड़ी में सोनिया गांधी का समर्थन कर कांग्रेस पार्टी की शाख को बचाने का काम किया। अपनी कुशल राजनीतिक दृष्टि और प्रतिभा की बदौलत ही आजाद कांग्रेस पार्टी में सिर्फ पद पर विराजमान रहे।
पीएम मोदी से अच्छे संबंध पर पार्टी के थे वफादार
ताज ने गुलाम नबी आजाद के विरुद्ध प्रचार करने के लिए कांग्रेस नेताओं को आड़े हाथों लिया। कहा कि दुर्भाग्य से कांग्रेस कार्यालय में कुछ लोग गुलाम नबी के विरुद्ध अनाप-शनाप बयान दे रहे हैं। यह बहुत गलत बात है। किसी के योगदान पर सवालिया निशान नहीं लगाना चाहिए। कांग्रेस पार्टी के नेताओं का यह कहना कि गुलाम नबी भाजपा से मिले हुए थे, बिल्कुल गलत है। पूर्व मंत्री ने कहा कि गुलाब नबी आजाद के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अच्छे संबंध जरूर थे लेकिन वह पार्टी के प्रति भी उतने ही वफादार थे। उनकी वफादारी पर सवाल खड़ा करने वाले लोग कांग्रेस पार्टी के हितेषी नहीं हो सकते।