एआईएमआईएम के औरंगाबाद के सांसद इम्तियाज जलील ने भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा को फांसी दिए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि नूपुर शर्मा द्वारा दिया गया पैगंबर मोहम्मद पर बयान बहुत ही शर्मनाक है। यह बर्दाश्त करने के लायक नहीं है। इसलिए नूपुर शर्मा को फांसी से कम सजा नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नुपूर शर्मा को औरंगाबाद के चौक पर ‘फांसी’ दी जानी चाहिए। वहीं दूसरी ओर उनकी ही पार्टी के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने इम्तियाज जलील के इस बयान से किनारा करते हुए कहा कि यह हमारी पार्टी का स्टैंड नहीं है।
कानून के अनुसार ही कार्रवाई होनी चाहिए
अपनी पार्टी के सांसद इम्तियाज जलील के बयान पर ओवैसी ने कहा कि पार्टी का रुख स्पष्ट है कि नूपुर शर्मा को कानून के अनुसार गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ‘यह पार्टी का रुख है, जिसका सभी को पालन करना होगा। इम्तियाज जलील का बयान पार्टी का स्टैंड नहीं है। शुक्रवार को औरंगाबाद में एक विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए जलील ने कहा था कि अगर नुपुर शर्मा को फांसी देनी है, तो औरंगाबाद के इसी चौराहा पर फांसी दें।
नूपुर को सिर्फ पार्टी से बाहर करना काफी नहीं
इम्तियाज जलील ने कहा कि इस्लाम शांति का धर्म है। यह सच है कि नूपुर के बयान से लोग नाराज हैं। हम भी मांग करते हैं कि नूपुर शर्मा को फांसी की सजा दी जानी चाहिए। अगर उन्हें आसानी से छोड़ दिया जाता है, तो इससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचेगी। हम कहना चाहते हैं कि अगर कोई व्यक्ति किसी जाति, धर्म, धर्मगुरु या हमारे पैगंबर के खिलाफ ऐसी टिप्पणी कर रहा है, तो ऐसा कानून होना चाहिए, जो सख्त और तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करे। सिर्फ उन्हें पार्टी से हटाना ही काफी नहीं है।
भाजपा वक्त पर कार्रवाई करती तो हिंसा नहीं होती
दूसरी ओर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि नुपुर शर्मा को पैगंबर मोहम्मद के बारे में उनकी विवादास्पद टिप्पणी के लिए गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर किसी को भी हिंसा में शामिल नहीं होना चाहिए और न ही पुलिस को कानून अपने हाथ में लेना चाहिए। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि एक टीवी बहस के दौरान शर्मा की टिप्पणियों के बाद बीजेपी ने उनके खिलाफ समय पर कार्रवाई नहीं की। इससे एक बड़ा विवाद पैदा हो गया। उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उन्हें इतने दिनों से गिरफ्तार नहीं किया गया है। आप उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं करते और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं करते? आपको कौन रोक रहा है।