लाउडस्पीकर मामले को लेकर इन दिनों देश में विवाद बढ़ गया है। हर बड़ा नेता इस मामले में वोट बैंक को ध्यान में रखकर बयान बाजी कर रहा है। इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के लाउडस्पीकर को लेकर दी गई गाइडलाइन को केंद्र सरकार को पूरे देश में नोटबंदी की तरह लागू करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का लाउडस्पीकर संबंधी निर्णय सिर्फ एक धर्म के लिए नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मराठी मुद्दे के बाद अब हिंदुत्व के नाम पर तनाव पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन हिन्दू समाज इसे खेल समझ रहा है।
कुछ लोग अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे है
ठाकरे ने रविवार को पत्रकाराें से वार्ता के दौरान महाराष्ट्र नवर्निमाण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ लोग इस समय अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। हालही में उन्हें लाउडस्पीकर का ध्यान आ गया है। लाउड स्पीकर के बारे में सुप्रीम कोर्ट पहले ही निर्णय दे चुकी है। इस केस में केंद्र सरकार भी पार्टी थी। ठाकरे ने कहा कि जिस तरह से नोटबंदी लागू किया, लॉकडाउन किया तो फिर लाऊडस्पीकर के बारे में निर्णय को भी केंद्र सरकार को पूरे देश में लागू करना चाहिए। इससे पूरे देश में लाउडस्पीकर का सवाल हल हो जाएगा।
राज्य में धार्मिक तनाव उत्पन्न किया जा रहा
उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्य में तीन दलों की सरकार चल रही है और शरद पवार सिर्फ मार्गदर्शक की भूमिका निभा रहे हैं। यह तीनों दलों की सरकार ने ढाई साल तक का कार्यकाल साथ में पूरा कर लिया है। बचे हुए ढाई साल भी पूरे होंगे। ठाकरे ने कहा कि तीनों दलों का गठबंधन चुनाव बाद भी जारी रहने वाला है। राज्य सरकार को गिराने का बहुत ज्यादा प्रयास किया गया, जब सरकार नहीं गिरी तो अब राज्य में धार्मिक तनाव उत्पन्न करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए लाऊडस्पीकर तथा हनुमान चालीसा का सहारा लिया जा रहा है लेकिन सरकार पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। उद्धव ठाकरे ने कहा कि सरकार राज्य के विकास को ध्यान में रखकर काम कर रही है। सरकार का पूरा फोकस सिर्फ लोकहित के विकास संबंधी कार्यों पर है।