Home
National
International
Jharkhand/Bihar
Health
Career
Entertainment
Sports Samrat
Business
Special
Bright Side
Lifestyle
Literature
Spirituality

क्या राम विरोधी ही कांग्रेस में रहेंगे : प्रमोद कृष्णम

क्या राम विरोधी ही कांग्रेस में रहेंगे : प्रमोद कृष्णम

Share this:

मौजूदा विपक्ष नरेन्द्र मोदी से नफरत करते-करते भारत से करने लगा है नफरत

National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news : कांग्रेस से निष्कासन के बाद आचार्य प्रमोद कृष्णम ने प्रेसवार्ता कर कहा कि क्या कांग्रेस में सिर्फ वही रह सकते हैं, जो राम का अपमान करें, जो सनातन को मिटाने की बात करें, जो हिन्दुओं की आस्था को ठेस पहुंचाने का काम करें। राम और राष्ट्र पर समझौता नहीं किया जा सकता। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि निष्कासन बहुत छोटी चीज है। राम, राष्ट्रीय अस्मिता और सनातन पर कोई समझौता नहीं कर सकता। कांग्रेस ने मुझे मुक्ति देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि कि मौजूदा विपक्ष नरेन्द्र मोदी से नफरत करते-करते भारत से नफरत करने लगा है।

कांग्रेस बताये, क्या राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होना पार्टी विरोधी है

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पूछा कि क्या अयोध्या जाना और राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होना पार्टी विरोधी है। क्या राम का नाम लेना पार्टी विरोधी है। कांग्रेस बताये कि पार्टी विरोधी गतिविधियां क्या थीं। क्या कल्कि धाम मंदिर का शिलान्यास कराना पार्टी विरोधी है। क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलना पार्टी विरोधी है। कांग्रेस ने आचार्य प्रमोद कृष्णम को छह साल के लिए निष्कासित किया है। इस पर उन्होंने कहा कि भगवान राम को 14 वर्ष का वनवास दिया गया था, तो एक रामभक्त को केवल छह साल के लिए ही क्यों निकाला जा रहा है। मैं छात्र जीवन से करीब 17 वर्ष की आयु में स्व. राजीव गांधी से मिला था। तब से लेकर मैं कांग्रेस में रहा। राजीव गांधी को मैंने एक वायदा किया था। हमने कहा था कि हम आखिरी सांस तक कांग्रेस के साथ रहेंगे।

बहुत से ऐसे मोड़ आये, बहुत से फैसले थे, जिस पर मैं सहमत नहीं था

आचार्य ने कहा कि बहुत से ऐसे मोड़ आये, बहुत से फैसले थे, जिस पर मैं सहमत नहीं था। अनुच्छेद 370 और तीन तलाक के विषय पर कांग्रेस को विरोध नहीं करना चाहिए था। मैंने कहा था कि भारत की संसद का उद्घाटन भारत का प्रधानमंत्री नहीं करेगा, तो क्या पाकिस्तान का प्रधानमंत्री करेगा। मैंने अपमान के कई घूंट पिये, लेकिन पार्टी नहीं छोड़ी, क्योंकि राजीव गांधी को जो वचन दिया था, वह आड़े आ रहा था। उन्होंने कहा कि जो शख्स अपनी दादी, अपनी मां, अपने पिता के साथ सुख-दुख में खड़े रहनेवाले नेताओं की इज्जत करना नहीं जानता, जो नेता इंदिरा गांधी के साथ रहे, राजीव गांधी के साथ रहे, जो नेता सोनिया गांधी के साथ रहे, गुलाम नबी आजाद से लेकर कमलनाथ तक यह वह लोग हैं, जो इंदिरा के साथ रहे, राजीव के साथ रहे और सोनिया गांधी के साथ रहे। इन लोगों ने राहुल गांधी को अंगुली पकड़ कर चलना सिखाया। जब इनका सम्मान नहीं हो रहा है, तो हम क्या हैं। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि कांग्रेस को हमने नहीं, कांग्रेस ने हमको छोड़ा है। अब आखिरी सांस तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ रहेंगे।

Share this: