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गलत काम, गलत नतीजा: कभी बनाता था पंक्चर, बन गया पांच कंपनियों का निदेशक, जानें कारगुजारियां 

गलत काम, गलत नतीजा: कभी बनाता था पंक्चर, बन गया पांच कंपनियों का निदेशक, जानें कारगुजारियां 

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National news, National update, New Delhi news, latest National Hindi news, Himachal Pradesh news, multi level marketing, crypto currency : हिमाचल में 2500 करोड़ रुपये के अधिक के क्रिप्टो करेंसी धोखाधड़ी मामले की जांच में हर दिन नई जानकारी सामने आ रही है। मल्टी लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) नेटवर्क की आड़ में हजारों लोगों को करोड़ों रुपये का चूना लगाने वाला हेमराज कभी लाहुल स्पीति जिले के काजा में टायर पंक्चर की दुकान करता था। काजा से वापस आने के बाद उसने बैंक से ऋण लेकर जीप खरीदी थी। इसकी एवज में अपनी जमीन बैंक के नाम बंधक रखी थी। 2007 तक वह मंडी शहर व आसपास के क्षेत्रों में जीप चलाकर उससे अर्जित होने वाली आय से अपना घर चलाता रहा। ऋण का समय पर भुगतान न करने पर बैंक के अधिकारी कई बार रिकवरी के लिए उसके घर गए थे। बैंक अधिकारियों के घर आने की भनक लगते ही वह फरार हो जाता था। 

… और एमएलएम नेटवर्क का बन गया बड़ा खिलाड़ी, रिश्तेदारों को भेंट कर दी 10-10 लाख की गाड़ियां 

मंडी में एमएलएम नेटवर्क का खेल शुरु हुआ तो हेमराज भी उसका खिलाड़ी बन गया। जीप बेच पूरा समय एमएलएम नेटवर्क में देने लगा। विभिन्न नेटवर्किंग कंपनियों में लोगों को जोड़ने का काम शुरु हुआ। अच्छा पैसा हाथ आने लगा तो वह एमएलएम नेटवर्क का अच्छा खिलाड़ी बन गया। अपने परिवार के कई सदस्यों को भी इसी काम में झोंक दिया। सुभाष शर्मा के संपर्क में आते ही वह पांच कंपनियों का निदेशक बन गया। महंगी गाड़ी में घूमने फिरने लगा। बताया जा रहा है कि उसने अपने कई रिश्तेदारों को 10-10 लाख रुपये की गाड़ियां भेंट कर दी।

क्रिप्टो करेंसी में 2500 करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी में सुभाष शर्मा के साथ हेमराज भी है मास्टर माइंड 

 समाजसेवी बन जगह जगह पैसे बांटने लगा। दो से तीन साल में वह करोड़ों रुपये की चल अचल संपत्ति का मालिक बन गया। विदेश आना जाना उसके लिए आम बात थी। क्रिप्टो करेंसी में 2500 करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी में सुभाष शर्मा के साथ हेमराज भी मास्टर माइंड है। पंजाब के मोहाली में धोखाधड़ी का मामला दर्ज होने के बाद पुलिस से बचने के लिए वह अपने साथी सुखदेव के साथ गुजरात भाग गया था। वहां एक फार्म हाउस में छिप गया था। एसआइटी ने सबसे पहले हेमराज व सुखदेव को गुजरात से दबोचा था।

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