Categories


MENU

We Are Social,
Connect With Us:


Categories


MENU

We Are Social,
Connect With Us:

☀️
–°C
Fetching location…

राम जन्मभूमि परिसर के आठ नये मंदिरों में 03 से 05 जून तक होगी प्राण प्रतिष्ठा : चंपत

राम जन्मभूमि परिसर के आठ नये मंदिरों में 03 से 05 जून तक होगी प्राण प्रतिष्ठा : चंपत

Share this:

पूर्व संध्या पर सरयू जल कलश यात्रा से होगा तीन दिवसीय समारोह का श्रीगणेश, श्रीरामजन्मभूमि परिसर के देवालयों में एक साथ होगी प्राण प्रतिष्ठा

Ayodhya news : श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर परिसर के आठ देवालयों में एक साथ अनुष्ठान पूर्वक प्राण प्रतिष्ठा होगी। समय और पूजन में एकरूपता के लिए सभी नये मन्दिर दृश्य माध्यम (कैमरा व स्क्रीन) से आपस में जुड़े रहेंगे। इसकी पूर्व संध्या पर (दो जून को) सरयू तट से जल कलश यात्रा निकाली जाएगी।

बुधवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चम्पत राय ने पत्रकारों को बताया कि कलश यात्रा के अगले दिन त्रिदिवसीय आयोजन ज्येष्ठ शुक्ल की अष्टमी (तीन जून) से प्रारम्भ होकर दशमी (पांच जून) को पूजा, भोग, आरती के साथ परिपूर्ण होगा। अनुष्ठान तीनों दिन प्रात: साढ़े छह बजे प्रारम्भ होगा।

परकोटा के ईशान कोण पर शिवलिंग, अग्निकोण में प्रथम पूज्य श्री गणेश, दक्षिणी भुजा के मध्य में महाबली हनुमान, नैऋत्य कोण में प्रत्यक्ष देवता सूर्य, वायव्य कोण में मां भगवती , उत्तरी भुजा के मध्य में अन्नपूर्णा माता के विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा की जानी है। इसके साथ ही मुख्य मन्दिर में प्रथम तल पर श्रीराम दरबार तथा परकोटा के दक्षिणी पश्चिमी कोने में शेषावतार प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होगी।

ट्रस्ट महामंत्री के अनुसार तीन व चार जून को पूजन विधि प्रात: साढ़े छह बजे से प्रारम्भ होकर सायंकाल इसी समय तक पूर्ण होगी। ज्येष्ठ शुक्ल अष्टमी (पांच जून) को पूजन प्रात: साढ़े छह बजे प्रारम्भ होकर 11.20 तक चलेगा। प्राण प्रतिष्ठा दिन में 11.25 से होगी। इसके पश्चात पूजा, भोग एवं आरती होगी। सभी कार्यक्रम दोपहर एक बजे तक पूर्ण हो जाएंगे। खास बात यह है कि उक्त सभी मन्दिरों में एक संग प्राण प्रतिष्ठा होगी। सरयू जल कलश यात्रा द्वितीय बेला में चार बजे पुराने पुल के पूर्वी तट से प्रारम्भ होकर वीणा चौक , राम पथ, श्रृंगार हाट, हनुमान गढ़ी, दशरथ महल, रामकोट व रंगमहल बैरियर होते हुए यज्ञशाला पहुंचेगी। उल्लेखनीय है कि सभी मन्दिरों में पूजन अनुष्ठान एक साथ होंगे तथा कैमरे एवं स्क्रीन के माध्यम से इन्हें आपस में जोडा़ जाएगा ताकि पूजन विधि में एकरूपता बनी रहे।

तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री ने बताया कि पूजन विधि काशी के विद्वान जय प्रकाश सम्पन्न कराएंगे। वह पांच अगस्त 2020 तथा 22 जनवरी 2024 के पूजन में सम्मिलित रहे हैं। उनके साथ बस्ती के अमर नाथ भी होंगे तथा कई अन्य प्रमुख स्थानों के ऋत्विक भी सम्मिलित रहेंगे। इन मन्दिरों को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोलने की तिथि पर अभी अंतिम निर्णय लिया जाना है। इतना तो तय है कि प्रथम तल पर स्थित श्रीराम दरबार के दर्शन के लिए सीमित संख्या में ही अनुमति दी जाएगी। संभवत: प्रति एक घंटे में 50 श्रद्धालुओं के लिए ही अनुमति पत्र (पास) निर्गत किए जाएंगे। विस्तृत योजना पर अभी ट्रस्ट में विमर्श चल रहा है।

Share this:

Latest Updates