Uttarakhand (उत्तराखंड) के चार धाम की पवित्र पावन तीर्थ यात्रा 03 मई यानी अक्षय तृतीया के दिन से शुरू हो चुकी है। वैदिक विधि विधान के साथ गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खोले गए। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालु साक्षी बने और हिमालय की चोटियां, कंदराए और घाटियां हर-हर गंगे और हर-हर यमुना के उद्घोष से गूंज उठीं। इसके साथ चार धाम यात्रा का आगाज हुआ। गंगोत्री, यमुनोत्री की पहाड़ियों पर बर्फबारी होने से प्रकृति ने भी मां गंगा और मां यमुनोत्री के धामों के कपाट खोलने का स्वागत किया है और इन दोनों पवित्र धामों में बर्फबारी से ठंडक बढ़ गई है। चारधाम यात्रियों के जयकारे से हिमालय की वादियां गूंज रही है और वहां की हवा में पावनता लहरा रही है।
केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के भी शीघ्र खुलेंगे कपाट
बता दें कि अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चार धाम यात्रा शुरू हो रही है। छह मई को केदारनाथ और आठ मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। कोरोना महामारी के चलते दो साल से चार धाम यात्रा को लेकर रुकावट पैदा होती रही है। इस बार कोरोना के बिना साए में चार धाम यात्रा शुरू हो रही है और बड़ी संख्या में लोगों ने उत्तराखंड आने के लिए अपना पंजीकरण करवाया है।
अब केवल मास्क लगाना जरूरी
पहले राज्य सरकार ने चार धाम यात्रा के लिए कोरोना के नियमों का पालन करने के कड़े आदेश दिए थे, परंतु एकाएक राज्य सरकार ने कोरोना के लगभग सभी नियमों को हटा दिया। अब बिना किसी जांच के बेधड़क होकर तीर्थयात्री चार धाम यात्रा कर सकेंगे। केवल उन्हें मास्क लगाने के नियम का पालन करना होगा और मास्क ना लगाने पर 500 रुपये का जुर्माना भुगतना पड़ेगा, परंतु यहां आ रहे तीर्थ यात्री राज्य सरकार के इस आदेश की भी कोई परवाह नहीं कर रहे हैं और बिना मास्क के घूम रहे हैं। इससे संक्रमण फैलने की संभावनाएं बलवती हो रही हैं।