Ranchi news, Jharkhand news, Jharkhand latest Hindi news, latest news, Ranchi Hindi latest news, Bihar news, Patna news : बिहार और झारखंड में आस्था, शुचिता एवं सूर्योपासना का महापर्व छठ शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया। चार दिवसीय महापर्व के पहले दिन शुक्रवार को व्रतियों ने स्नान कर परिवार के साथ सात्विक भोजन कर नहाय-खाय किया। स्नान और पूजा के बाद सबसे पहले छठ में प्रसाद बनाने के लिए गेहूं एवं चावल धोकर ओखली में कूट कर सुखाया।
इसके बाद अरवा चावल, चना का दाल एवं कद्दू की सब्जी को ग्रहण किया। छठ को लेकर गांव से लेकर जेल के अंदर तक हर ओर लोकगीतों की धूम मची हुई है। गांव से शहर तक का हर घर तैयारी के साथ वातावरण भक्ति में लीन है। बिहार में इस बार के छठ में बेगूसराय में सामाजिक समरसता का शानदार उदाहरण देखने को मिल रहा है। हिन्दू धर्मावलम्बियों के इस महापर्व में मुस्लिम समुदाय के लोग विभिन्न सामग्री बेचते रहे हैं।
लेकिन, इस बार सबसे बड़ी बात है कि कई मुस्लिम महिला सूर्य देव और छठी मैया को अपना आराध्य मानते हुए छठ व्रत कर रही हैं। जेल में भी छठ गीतों की धूम के साथ व्रत की तैयारी चल रही है। सभी व्रती द्वारा गाये जा रहे लोकगीत से जेल का वातावरण भक्तिमय हो गया है। जेल सुपरिटेंडेंट ने बताया कि जेल में 15 महिला एवं 24 पुरुष कैदी छठ कर रहे हैं। सभी 39 व्रतियों को नये कपड़े एवं पूजा सामग्री मुहैया कराये गये हैं।
इनके साथ रह रहे बच्चों को भी नया कपड़ा उपलब्ध कराया गया है। अर्घ्य देने के लिए तालाब और सुचिता के विशेष बंदोबस्त किये गये हैं। लोक आस्था के महापर्व छठ के दूसरे दिन शनिवार को सभी व्रती दिन भर निराहार रह कर देर शाम में खरना करेंगे। रविवार को सूर्यास्त के समय अस्ताचलगामी सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जायेगा तथा सोमवार को सूर्योदय के समय उदयाचल गामी सूर्य को अर्घ्य देकर महापर्व का समापन होगा।
झारखंड में भी चहुंओर भगवान सूर्य देव की उपासना के महापर्व के पावन अवसर पर छठ की धूम मची हुई है।
चार दिनों तक चलनेवाले महापर्व छठ के गीतों की अनुगूंज के बीच राज्य की राजधानी रांची में 17 नवम्बर को व्रतियों ने नहाय-खाय के साथ अपनी उपासना प्रारम्भ की। परम्परा के अनुसार छठ व्रतियों ने नदी में स्नान किया, तदुपरान्त नये वस्त्र धारण कर चना दाल, अरवा चावल का भात व कद्दू की सब्जी को प्रसाद स्वरूप ग्रहण किया। इस दिन व्रती के भोजन ग्रहण करने के पश्चात ही घर के सभी सदस्य भोजन ग्रहण करते हैं। राज्य के समस्त जिलों में श्रद्धालु व्रतियों ने अपनी परम्परा के अनुरूप अनुष्ठान प्रारम्भ किया है।