Dharma-Karma, Spirituality, Astrology, Dharm- adhyatm, religious : कहते हैं देवों के देव महादेव की कृपा जिनपर हो जाए, उनका जीवन संवर जाता है। हमारे देश में जहां लाखों शिवालय हैं, वहीं हर शिवालय की अपनी अलग-अलग महिमा है, विशेषताएं हैं, रंग-रूप और आकार है। ऐसे में अगर आपसे पूछा जाए कि एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर कहां है और उसे बनाने में कितने वर्ष लगे होंगे तो शायद आप सोचने लग जाएं…, तो आइए आज हम आपको बताते हैं यह सब…।
हिमाचल प्रदेश में है यह मंदिर, बनने में लग गए 39 वर्ष
आपको बता दें यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के सोलन में स्थित है। जटोली शिव मंदिर के रूप में प्रसिद्ध है यह मंदिर। कहते हैं इसके निर्माण में 39 वर्ष लग गए। यहां सालों भर पर्यटकों और शिव भक्तों का आना-जाना लगा रहता है। मंदिर परिसर सुव्यवस्थित और शांतिपूर्ण है, जो इसे ध्यान और आत्मनिरीक्षण के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है। इस विशालकाय मंदिर में चारो तरफ देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं. मंदिर के अंदर एक स्फटिक मणि शिवलिंग विराजमान है।
111 फीट है ऊंचाई, स्वर्ण कलश की ऊंचाई 11 फुट
जटोली शिव मंदिर की खासियत की बात करें तो इसकी ऊंचाई 111 फीट है , जिसके शीर्ष पर यूं कहें मंदिर के ऊपरी छोर पर 11 फुट ऊंचाई का एक विशाल सोने का कलश स्थापित है। देश-विदेश के श्रद्धालुओं के दान के करोड़ों रुपये से इसका निर्माण हुआ है। मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है, जहां सीढ़ियों द्वारा पहुंचा जा सकता है। सीढ़ियां खड़ी जरूर हैं, लेकिन ऊपर पहुंचने के बाद वहां की हरियाली और मनमोहक दृश्य देखकर आपकी थकान जाती रहेगी।