Home
National
International
Jharkhand/Bihar
Health
Career
Entertainment
Sports Samrat
Business
Special
Bright Side
Lifestyle
Literature
Spirituality

Dharm adhyatm : हनुमान जी के ये दो मंत्र सफर को बनाते हैं सफल, यात्रा पर जाने से पहले जपें यह मंत्र 

Dharm adhyatm : हनुमान जी के ये दो मंत्र सफर को बनाते हैं सफल, यात्रा पर जाने से पहले जपें यह मंत्र 

Share this:

Dharma-Karma, Spirituality, Astrology, Dharm- adhyatm, religious, Sabar Mantra, Hanuman Ji, Bajrangbali, Hanuman Ji Ki Mahima, Kalyug : शास्त्रों के अनुसार कलयुग के देवता हनुमान जी को माना गया है। ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी को अमृत्तों का वरदान प्राप्त है। वह पृथ्वी के कल्याण के लिए कलयुग में भी धरती पर मौजूद हैं। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि जहां भी राम का भजन होता है, हनुमान वहां किसी न किसी रूप में आवश्यक पधारते हैं। कलयुग में हनुमान की आराधना करने वाले भक्ति पर आने वाले संकट या परेशानी को हनुमान जी तुरंत उसे अपने ऊपर ले लेते हैं और भक्ति को संकट मुक्त करते हैं। हनुमान जी के बारे में एक बात और भी प्रचलित है कि यदि आप या आपका कोई अपना किसी महत्वपूर्ण कार्य हेतु यात्रा पर जा रहे है, तो यात्रा की सफलता के लिए हनुमान जी से जुड़े मंत्र का जाप करने से आपकी यात्रा सफल और फलीभूत होती है। यात्रा से जुड़े इन निम्न मंत्रों का जाप करने से यात्रा सफल रहती है। 

मंत्र :- रामलखन कौशिक सहित, सुमिरहु करहु पयान। लच्छि लाभ लौ जगत यश, मंगल सगुन प्रमान।। 

मंत्र :- प्रविसि नगर कीजे सब काजा। हृदय राखि कौसल पुर राजा।। 

जिस स्थान की यात्रा करनी हो, वहां पहुंचते ही वहां पहुंचते ही उक्त मंत्र सात बार बोलें, उस स्थान से लाभ प्राप्त होने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।  अधिक प्रभाव के लिए ग्रहण काल, हनुमान जयंती, रामनवमी, होली, दीपावली या नवरात्रि के अवसर पर उक्त मंत्र का हनुमानजी के मंदिर में एक हजार आठ (1008) बार जप करके उसे सिद्ध कर लें। फिर जब भी यात्रा पर जाएं, यह मंत्र सात बार बोलकर घर से निकलें। सफलता प्राप्त होगी।

हनुमानजी के इस साबर मंत्र का प्रयोग करें और सुरक्षित हो जाएं

हनुमानजी की रक्षा प्राप्त करने के लिए आप गुरु गोरखनाथ द्वारा अविष्कृत इस चमत्कारिक साबर मंत्र का प्रयोग कर सकते हैं।  

।।ओम गुरुजी को आदेश गुरुजी को प्रणाम,

धरती माता धरती पिता, धरती धरे ना धीरबाजे श्रींगी बाजे तुरतुरि

आया गोरखनाथमीन का पुत् मुंज का छड़ा,

लोहे का कड़ा हमारी पीठ पीछे यति हनुमंत खड़ा,

शब्द सांचा पिंड काचास्फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।।  

इस मन्त्र को सिद्ध करने के बाद जब भी सात बार पढ़कर चाकू से अपने चारों ओर गोलाकार रक्षा रेखा खींच देगें तो स्वयं हनुमानजी साधक की रक्षा करेंगे। शर्त यह है कि मंत्र को विधि विधान से पढ़ा गया हो। इसके शुद्ध उच्चारण के लिए किसी विशेषज्ञ से पूछें।

हनुमान साबर मंत्र : रात्रि में सोते समय यदि भूत-प्रेत आदि का डर लगता हो या जंगल में कहीं अनजान जगह सो रहे हों, तो हनुमानजी का यह चमत्कारिक साबर मंत्र तीन बार पढ़कर निश्‍चिंत होकर सो जाएं। हनुमानजी आपकी हर प्रकार से रक्षा करेंगे। यह विदित हो कि यह मंत्र मात्र जानकारी हेतु है। इसको सिद्ध करने के लिए किसी ‘साबर मंत्र’ के जानकार से संपर्क करें। मध्यकाल में कालिका माता, हनुमानजी, भैरवनाथ, बगलामुखी आदि देवी और देवताओं सहित कई यक्षिणियों, पिशाचिनियों आदि के साबर मंत्र भी बनाए गए थे। मध्‍यकाल में तांत्रिक, काला जादू जानने वाले, बंजारे, आदिवासी, वनवासी, घुमक्कड़ और ठेठ गांव के लोगों में प्रचलित थे ये साबर मंत्र। आम शहरी जनता में ये मंत्र कभी प्रचलित नहीं रहे। आज भी कई तांत्रिक और जानकार लोग ही इन गुप्त मंत्रों के रहस्य को जानते हैं। कई साबर मंत्र तो अब लुप्त हो चुके हैं।

साबर मंत्र बहुत जल्दी से सिद्ध हो जाते हैं

धार्मिक मान्यता के अनुसार साबर मंत्र बहुत जल्दी से सिद्ध हो जाते हैं, लेकिन इनके नियमों का पालन भी करना अत्यंत जरूरी है। नियमों और पवित्रता के पालन से यह मंत्र और भी असरकारक बन जाते हैं। यदि व्यक्ति इन साबर मंत्रों को गंभीरता से नहीं लेता है तो इसका उल्टा असर भी तुरंत शुरू हो जाता है इसीलिए इन मंत्रों को हंसी-मजाक में न लेकर इनको पूर्ण सम्मान के साथ लेना चाहिए। यदि आपका मन और नीयत साफ है तो ‘साबर मंत्र’ आपके साथ है।

तभी यह सिद्ध होगा

हनुमान साबर मंत्र को सिद्ध करने के लिए किसी समर्थ गुरुदेव से मंत्र दीक्षा लेकर रुद्राक्ष, मूंगे अथवा लाल चन्दन की माला से मंत्र का जप करें तभी यह सिद्ध होगा। फिर आप कहीं भी सोते वक्त यह मंत्र तीन बार पढ़कर सो जाएंगे, तो किसी भी प्रकार का खतरा नहीं होगा। हालांकि जानकार लोग कहते हैं कि जिस व्यक्ति का चित्त निर्मल और कर्म शुद्ध होते हैं, उनको इसे सिद्ध करने की जरूरत नहीं होती। साबर मंत्रों को स्वयंसिद्ध माना गया है। इसके बोलते ही संबंधित देवी या देवता जाग्रत हो जाते हैं।

a14a92ad ff81 4314 b562 6a82815c3101

Share this: