Dharma-Karma, Spirituality, Astrology, Dharm- adhyatm, dharm adhyatm, religious : शारदीय नवरात्रि के दौरान मां दुर्गे के भक्त शक्ति की देवी मां के नौ रूपों की पूजा करते हैं। यह भी जानते हैं कि नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के साथ नवरात की शुरुआत होती है। इस दौरान कलश के ऊपर नारियल रखकर कलश स्थापना का विधान है। इससे इतर नवरात्रि के बाद कलश के पानी, नारियल और चावल का क्या किया जाता है या उसका क्या किया जाना चाहिए, बहुत लोगों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया होगा। आपको बता दें कि नवरात्रि के बाद अगर इन तीनों वस्तुओं का निपटान विधि-विधान से नहीं होने पर इस पूजा का सही फल नहीं मिल पाता है। साथ ही व्यक्ति कई तरह की परेशानियों से घिर जाता है। तो ऐसे में आपको क्या करना चाहिए, आइए चर्चा करें…
नारियल को लाल रंग के कपड़े में लपेटकर पूजा स्थल पर रख देना चाहिए, इससे मां होती हैं बेहद खुश
कलश पर रखे नारियल में माता रानी की विशेष कृपा होती है। इसलिए नवरात्रि के बाद इस नारियल को लाल रंग के कपड़े में लपेटकर पूजा स्थल पर रख देना चाहिए। इससे मां प्रसन्न होती हैं और मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। कलश के ऊपर रखे नारियल को नौ दिन बाद विधि-विधान से हटाना चाहिए। आप इसे नदी या बहते पानी में प्रवाहित कर सकते हैं या फिर बेहतर होगा कि आप इसको प्रसाद के रूप में कन्याओं को बांटें और स्वयं भी इसका सेवन करें। इससे सुख-समृद्धि मिलती है।
पूजन सामग्री को जल में प्रवाहित करना सबसे उत्तम
हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के बाद पूजन सामग्री को जल में प्रवाहित करना सबसे उत्तम माना जाता है। चाहे वह नारियल हो, कलश के नीचे रखे चावल या फिर अन्य चीजें नवरात्रि के बाद सभी को जल में प्रवाहित जरूर करना चाहिए। इससे कोई दोष नहीं लगता और पूजा का संपूर्ण फल प्राप्त होता है। इसके अलावा कलश के पानी को पूरे घर में छिड़कें और कलश में अगर आपने सिक्का रखा है तो उसे लाल कपड़े में लपेटकर तिजोरी में या पैसे रखने वाले स्थान पर रख दें।