Dharma-Karma, Spirituality, Astrology, Dharm- adhyatm, dharm adhyatm, religious : सनातन धर्म में भगवान, पेड़-पौधों, नदी, पहाड़ से लेकर पूजा के कपड़ों तक का अपना खास महत्व है। आज हम बात करेंगे पूजा के कपड़ों के रंगों के महत्व पर। घर में मूर्ति स्थापित करते समय, कलश रखते समय, हवन करते समय आदि अन्य शुभ कार्यों में कुछ विशेष रंग के कपड़े होते हैं, जिनका इस्तेमाल किया जाता है। दरअसल, हर रंग के पीछे एक तर्क छिपी है, जिसके अपने वैज्ञानिक महत्व भी हैं…, आइये जानें…
सफेद शांति तो लाल सौभाग्य का प्रतीक, पीला विष्णु को प्रिय तो हरा…
जब भी कोई मूर्ति स्थापित की जाती है या कलश को रखा जाता है तो पहले लाल, पीला, हरा या सफेद रंग का वस्त्र बिछाया जाता है। दअसल, सफेद रंग को शांति और पवित्रता का प्रतीक माना गया है, सफेद रंग के वस्त्र का पूजा में इस्तेमाल करने से पूजा शांतिमय रूप से पूर्ण होती है।
लाल रंग को सौभाग्य का रंग माना जाता है। मां लक्ष्मी और मां दुर्गा का भी प्रिय रंग लाल ही है। ऐसे में पूजा के दौरान अगर लाल रंग का कपड़ा बिछाया जाए तो इससे सोया हुआ भाग्य भी जाग जाता है। पीले रंग का उपयोग हर तरह की पूजा में किया जाता है। भगवान विष्णु और उनके राम एवं कृष्ण अवतार को पीला रंग अति प्रिय है। पीले रंग के कपड़े को पूजा में बिछाने से बृहस्पति यानी कि गुरु ग्रह भी मजबूत होते हैं। हरा रंग प्रकृति का सूचक होता है। इसके अतिरिक्त, हरा रंग आयुर्वेद को भी दर्शाता है। ऐसे में पूजा के दौरान हरे रंग के कपड़े का इस्तेमाल व्यक्ति को बीमारी की चपेट में आने से बचाता है और रोगों से ग्रसित व्यक्ति को पुनः ठीक करता है।
कुछ और खास बात
✓शनिदेव की पूजा को छोड़कर किसी भी देवता की पूजा में काले रंग के कपड़े का इस्तेमाल वर्जित माना गया है।
✓ पूजा से जुड़ी कोई भी सामग्री कभी भी फर्श पर नहीं रखनी चाहिए। ऐसा करने से पूजा खंडित हो जाती है।
✓ पूजा सामग्री जैसे पूजा की थाल, भगवान के आभूषण, भगवान का भोग, घंटी आदि वस्तुओं को कोई कपड़ा बिछाकर ही रखना चाहिए।