Do you know? Why do people consume curd, chuda and jaggery on the occasion of Makar Sankranti?, dharm, religious, Dharma-Karma, Spirituality, Astrology, jyotish Shastra, dharmik totke, dharm adhyatm : हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से मकर संक्रांति भी एक है। यह त्योहार भारत के कोने-कोने में धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व को नव वर्ष के आगमन के तौर पर भी देखा जाता है। यही कारण है कि इस दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं और नये कार्यों को प्रारंभ करते हैं। मकर संक्रांति के दिन से ही शुभ मुहूर्त की शुरुआत होती है। विवाह, सगाई मुंडन गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्यों के लिए मकर संक्रांति के दिन से ही मुहूर्त देखा जाने लगता हैं। मकर संक्रांति के दिन ही खरमास का अंत हो जाता है। मकर संक्रांति को देशभर में अलग- अलग नाम से जाना जाता है। इस पर्व को तमिलनाडु में पोंगल, पंजाब में लोहड़ी, गुजरात में उत्तरायण, बंगाल में गंगासागर, असम में भोगली और उत्तर प्रदेश में खिचड़ी के नाम से जाना जाता है।
दही-चूड़ा और गुड सेहत के लिए बहुत फायदेमंद
मकर संक्रांति के मौके पर दही- चूड़ा और गुड़ खाने का बहुत पुराना प्रचलन है। उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में इस पर्व के दिन सुबह दही और चूड़ा में गुड़ मिलाकर खाया जाता है। यह हल्का और स्वादिष्ट भोजन सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है। यह खाने में बहुत ही ज्यादा स्वादिष्ट होता है। मकर संक्रांति के मौके पर चूड़ा-दही और गुड़ खाने के पीछे धार्मिक और सेहत से जुड़ी कई कारण भी शामिल हैं। आज हम आपको यह बताने जा रहे हैं कि मकर संक्रांति के दिन दही-चूड़ा और गुड क्यों खाते हैं। इसे खाने से क्या-क्या लाभ होता है और इसका धार्मिक महत्व क्या है।
यह पर्व शुद्धता, शूचिता, समृद्धि व खुशहाली का प्रतीक
मकर संक्रांति जनवरी माह के एकदम बीच में पड़ता है। इस दौरान कड़ाके की सर्दी पड़ती है। इस दौरान दही-चूड़ा और गुड का सेवन करने से हमारे शरीर को सर्दी से लड़ने में मदद मिलती है। दही-चूड़ा खाना स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। दही में कैल्शियम प्रोटीन और अच्छे बैक्टीरिया पाए जाते हैं। यह हमारे पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं। वहीं दूसरी ओर चूड़ा में कार्बोहाइड्रेट और फाइबर प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। यह हमारे शरीर को तुरंत ऊष्मा प्रदान करते हैं। गुड़ भी आयरन से भरपूर होता है। यह हमारे पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है। जब आप सुबह के सुबह के समय दही- चूड़ा का सेवन करते हैं तो आपको पूरे दिन काम करने की ऊर्जा मिलती है। इस भोज्य पदार्थ का सेवन करने से आपको जल्दी थकावट नहीं आती। जो लोग अपना वजन कम करना चाहते हैं, उनके लिए दही और चूड़ा एक उम्दा भोजन है। क्योंकि यह भोज्य पदार्थ मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है। शास्त्रों में दही और चूड़ा के सफेद रंग को शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक माना गया है। यह नए साल की शुरुआत का भी शुभ संकेत माना जाता है। इस पर्व को शुद्धता, शूचिता, समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक भी माना जाता है।