Dharma-Karma, Spirituality, Astrology, Dharm- adhyatm, religious : जैसा कि आपको पता है, हरतालिका तीज, कजरी तीज और करवा चौथ ये सभी व्रत सुहागिन महिलाएं पति की दीर्घायु और सुखमय वैवाहिक जीवन की कामना के लिए रखती हैं, लेकिन इन सभी व्रतों में हरतालिका तीज सबसे कठिन माना जाता है। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को यह व्रत रखा जाता है, जो कि इस साल 18 सितंबर को होना है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला और निराहार रहती हैं और अगले दिन पूजा-पाठ के बाद ही व्रत खोलती हैं।
… और माता पार्वती को पति के रूप में महादेव मिले
मान्यता है कि, सबसे पहले मां पार्वती ने हरतालिका तीज का व्रत रखा था। इसके प्रभाव से उन्हें महादेव पति के रूप में प्राप्त हुए। इसलिए हरतालिका तीज पर मां पार्वती और शिवजी की पूजा की जाती है। हरतालिका तीज व्रत और पूजा का फल तभी प्राप्त होता है, जब इसे श्रद्धापूर्वक और नियमानुसार किया जाएगा। लेकिन किसी कारण हरतालिका तीज का व्रत टूट जाए, खंडित हो जाए या छूट जाए तो ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए। क्या गलती से व्रत टूट जाने पर व्रत निष्फल हो जाता है या इसके लिए कोई उपाय भी है। आइये जानते हैं …
प्रदोष काल में पूजा के लिए पहला मुहूर्त शाम 06:23 से 06:47 तक
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 17 सितंबर 2023 को सुबह 11:08 से शुरू होकर 18 सितंबर को 12:39 तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि को देखते हुए हरतालिका तीज का व्रत 18 सितंबर को रखना मान्य होगा। प्रदोष काल में पूजा के लिए पहला मुहूर्त शाम 06:23 – 06:47 तक रहेगा। इसके साथ ही आप सुबह 6 बजे से रात के 8:24 तक पूजा कर सकते हैं।
अगर टूट गया व्रत तो करें ये उपाय
अगर भूलवश हरतालिका तीज का व्रत टूट गया है तो सबसे पहले आप भगवान से इसके लिए क्षमायाचना करें। भगवान जाने-अनजाने में भक्तों द्वारा की गई गलतियां अवश्य माफ कर देते हैं। हरतालिका तीज का व्रत कठिन होता है। ऐसे में किसी विषम परिस्थिति में महिला व्रत रखने में असमर्थ हो या व्रत टूट जाए तो पति भी पत्नी के बदले व्रत रख सकते हैं। हरतालिका तीज पर व्रती गलती से कुछ खा या पी लेती है तो इससे व्रत दोष लगता है। व्रत दोष दूर करने के लिए आप देवी-देवता की मूर्ति बनाएं और इन्हें पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद मूर्ति पर अक्षत, फूल, गंध आदि लगाकर श्रृंगार करें। फिर विधि-विधान से पूजा करें। अगर भूलवश व्रत खंडित हो जाए तो आप किसी पंडित या पुरोहित से पूछकर दान कर सकते हैं। साथ ही सुहागिन महिलाओं को सुहाग का सामान भेंट करें तो दोष कटता है।