dharm, religious, Spirituality, Astrology, Dharma-Karma,dharm adhyatm, Puja paath, Puja ke dauran yah panch kam jarur Karen, Pooja path, five essential things : सनातन धर्म में दैनिक पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि देवी-देवताओं की विधिवत पूजा करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है, साथ ही उनकी सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं। आज-कल के भागदौड़ भरे जीवन में पूजा-पाठ के तरीकों में भी बड़ा बदलाव आया है। पर सनातन के शास्त्रों में कुछ ऐसे खास नियम बताए गए हैं, जिनका पालन व्यक्ति को देव उपासना के दौरान निश्चित रूप से करना चाहिए। धर्म के अनुसार ऐसा माना जाता है कि भगवान का केवल नाम जपने से भी पूजा का उत्तम फल प्राप्त हो सकता है। लेकिन उस दौरान व्यक्ति यदि छोटी सी भी गलती कर देता है तो उसे दुष्प्रभाव का भी सामना कर सकता है। इसलिए आज हम जानेंगे कि पूजा-पाठ में किन नियमों का करना चाहिए नियमित रूप से पालन।
तन और मां को शुद्ध रखें
सनातन धर्म में भगवान कि उपासना शुरू करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपका तन और मन शुद्ध हो। साथ ही शांत चित मन से की गई भगवान की आराधना से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है।
पूजा में जल्दबाजी न करें
आप भगवान की पूजा में जल्दबाजी बिलकुल न करें। संसार की सभी चिंताओं को भूलकर भगवान की उपसना करें। शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान की पूजा केवल 5 मिनट करें, लेकिन शुद्ध और स्थिर मन से करें।
पूजा स्थल को साफ सुथरा रखें
आप ईश्वर का पूजा-पाठ से पहले पूजा स्थल को एक बार जरूर साफ कर लें। इसके साथ-साथ साफ कपड़े से फोटो को भी पोंछ लें। यदि घर में भगवान की प्रतिमाएं हैं तो उन्हें स्नान जरूर कराएं।
दीपक जलाना ना भूलें
सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार पूजा के समय एक दीपक जरूर प्रज्वलित करें। साथ ही एक साफ कलश में आचमन के लिए जल भर लें। ऐसा करने से पूजा के समय पंचतत्व मौजूद रहते हैं। पंचतत्व- अग्नि, पृथ्वी, वायु, जल और आकाश को कहा जाता है।
सबसे पहले भगवान गणेश की आराधना करें
हर धर्म के अपने-अपने नियम कायदे होते हैं। सनातन धर्म में भी पूजा पाठ के कुछ खास और विशेष नियम बनाए गए हैं। हमें इनका पालन निश्चित रूप से करना चाहिए।देवी- देवताओं की पूजा करते समय सर्वप्रथम भगवान गणेश की पूजा अवश्य करें। ऐसा इसलिए क्योंकि शास्त्रों में भगवान गणेश को प्रथम देवता बताया गया है।