Religious story, netradan,Dharm aur adhyatm, mahaprabhu Jagannath, mausi badi, palbhadra or Subhadra : सनातन और हिंदू धर्म में जगन्नाथ मंदिर का एक प्रमुख पूजा स्थल है। जहाँ ढेर सारे लोग हर साल जगन्नाथ रथ यात्रा में भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए जाते हैं। इस रथ यात्रा के दौरान लोग रथ को खींचते हैं। इसका कारण और महत्व क्या है, इस लेख के माध्यम से आपको बता रहे हैं। जगन्नाथ भगवान का रथ क्यों खींचा जाता है? भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का वर्णन पुराणों में मिलता है। कहा जाता है कि रथ यात्रा के दौरान जो भी रथ खींचता है, वह हमेशा खुश रहता है। इस कारण से बहुत सारे श्रद्धालु भगवान के रथ के आसपास इकट्ठे होते हैं।
भगवान देते हैं आर्शिवाद
धार्मिक मान्यता के अनुसार ऐसा विश्वास किया जाता है कि जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ मौसी के घर गुंडिचा मंदिर जाते हैं। भगवान जगन्नाथ की मौसी के घर की तरह गुंडिचा मंदिर को देखा जाता है। इसलिए रथ यात्रा के दौरान जो भक्त रथ को खींचते हैं, वे भगवान को गुंडिचा तक पहुंचने में सहायता करते हैं। जगन्नाथ भगवान के रथ की रस्सी को छूना शुभ माना जाता है, क्योंकि वे खुद रथ के भीतर निवास करते हैं।
मिलती है सुख समृद्धि
जगन्नाथ भगवान के रथ खींचने से परिवारिक क्लेश समाप्त होता है और घर परिवार में शांति का वातावरण कायम होता है। दुख कम होते हैं और सामाजिक-आर्थिक दृष्टि से प्रतिष्ठा मिलती है। यदि आप भी जगन्नाथ रथ यात्रा में शामिल हों, तो आपको जरूर रथ की रस्सी खींचनी चाहिए।
जगन्नाथ भगवान की रथ यात्रा का महत्व
जगन्नाथ रथ यात्रा एक प्रमुख हिन्दू त्योहार है, जो दिव्य देवता जगन्नाथ, उनके भाई बालभद्र और उनकी बहन सुभद्रा की प्रतिष्ठा के लिए मनाया जाता है। यह यात्रा पुरी जगन्नाथ मंदिर पुरी ओडिशा में हर साल होती है। इस त्योहार के दिन सूर्य कर्क राशि में प्रवेश करता है, जो ज्योतिष शास्त्र में विशेष महत्व रखता है। इस घटना को ज्योतिषीय दृष्टि से मान्यता दी जाती है। जगन्नाथ रथ यात्रा के समय ग्रहों का चक्रवात की तरह चलना मानसून के आगमन का प्रतीक माना जाता है। यह प्रमुख त्योहार लोगों को सम्बंधित धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं के साथ एक साथ आने का अवसर प्रदान करता है। रथ यात्रा में रथ खींचना मुख्य आयोजन होता है। इसमें भक्तजन भाग लेते हैं और रथ को पुरी जगन्नाथ मंदिर तक खींचते हैं। यह देवी-देवताओं के विग्रहों को अपने धाम तक पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण आयोजन भी माना जाता है।