Dharma-Karma, Spirituality, Astrology, Dharm- adhyatm, dharm adhyatm, religious : हिंदुओं का प्रसिद्ध त्योहार धनतेरस, दीपावली और छठ पर्व आने वाला है। इसे लेकर लोगों के घरों और बाजारों में तैयारी शुरू हो गई है। पर्व त्योहार में शुभ मुहूर्त का बड़ा ही महत्व है। आज हमें पंडित रामदेव पांडेय बता रहे हैं कि धनतेरस और दीपावली मैं कितने बजे से कितने बजे तक शुभ मुहूर्त है।
10 नवंबर शुक्रवार – धनतेरस , धन्वंतरि जयंती,
त्रयोदशी दिन 11*47 से शुरू है,
आज क्या करें-
धन्वंतरि, कुबेर पूजन,
अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 11*23 से 12*45 तक
प्रदोष काल – सन्ध्या 5*10 से 9*40 तक
वृषभ लग्न – 5*21 से 7*18आज भी दीपावली की तरह श्री लक्ष्मी गणेश, कुबेर धन्वंतरि की शुभ, अमृत-,काल और चर चौघड़िया में पूजा होती है,
झाढु की खरीदारी, अन्य वस्तुओं की ,
सन्ध्या में तिल तेल का दीपक घर से बाहर अपने आवास के दक्षिणा तरफ दक्षिण मुख जलाकर यमदेव के लिए दान करें,
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11 नवंबर शनिवार –
नरक चतुर्दशी, हनुमान जयंती ,देव दीपावली, शनिवार और रविवार को हनुमान जी की पूजा और दर्शन करना चाहिए,
आज क्या करें
चार बती का दीप तिल तेल का जलाकर यम के लिए ही करें, यमराज को जल तर्पण करें, देवताओं तथा देव मन्दिर में दीपक जलाएं, रविवार सुबह तिल तेल लगाकर लगाकर स्नान करें , शनिवार सुबह 2*00 से सर्वाथसिद्वी योग है ,
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12 नवंबर शनिवार
दीपावली – लक्ष्मी, गणेश,कुबेर, और निशीथ काल में काली, पूजन करें , प्रदोष व्यापिनी अमावस्या भी आज है, दिन यहां विष्णु और रात यहां लक्ष्मी स्वरूप है,
तिथि -अमावश्या दिन 2*12 से लेकर रात 2*41तक है,
नक्षत्र- स्वाती सूर्योदय से लेकर रात 2*52 तक है,
योग – आयुष्मान सूर्योदय से लेकर रात 4*24 तक है
महानिशा काली पूजा -रात 11*15 से रात 12*07 तक है,
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दिन में शुभ चौघड़िया में पूजन मुहूर्त –
लाभ – 8*47 से 10*10 ( दुकान और छात्रों के लिए)
काल – 10*10 से 11*30 ( कोचिंग स्कूल, बड़े संस्थान और गृहस्थ के लिए )
शुभ – 11*30 से 12*56 ( व्यापारी संस्थान ,वाहन मालिकों के लिए)
दोपहर बाद और रात
शुभ – 5*05 से 6*42 ( गृहस्थ और अन्य के लिए)
अमृत- 6*42 से 8*19 ( ओषधी संस्थान और अन्य के लिए)
चर- 8*19 से 9*15 ( वाहन और कल कारखानों के लिए)
काल – रात 1*23 से 2*10 ( राजा, मंत्री, राजनेता और आढ़तियों तथा गद्दी के लिए)
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अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 11*24 से 12*45 तक
प्रदोष काल – सन्ध्या 5*11 से 9*41 तक
वृषभ लग्न – 5*22 से 7*19
ग्रहो के वर्तमान गोचर और गति के कारण वृषभ लग्न को शुद्ध करने के लिए सूर्य,गुरू, राहु और केतु का पूजन दान भी करें,
सिंह लग्न – रात 11*50 से 2*04
लग्न को शुद्ध करने के लिए चन्द्र,गुरू, राहु और केतु का पूजन दान भी करें,
पूर्व वत जो समय से पूजा करा रहे हैं ,वे अपने समय से ही पूजा करिए,
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13 नवंबर सोमवार
इस दिन सोमवारी अमावस्या है , इस दिन प्रातः दरिद्रता निकाले, राजा बलि की पूजा करें, स्त्रियां सौभाग्यवती रहने के लिए पीपल वृक्ष का 108 परिक्रमा करें,
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14 नवंबर मंगलवार
अन्नकूट ,गो क्रीडा
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15 नवंबर बुधवार
चित्रगुप्त, कलम दवात पूजा,भइया दूज,
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17 नवंबर शुक्रवार
छठ नहाय खाय
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18 नवंबर शनिवार
छठ का खरना
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19 नवंबर रविवार
शाम 5*22 अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य
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20 नवंबर सोमवार
प्रातः 6*39 उदय सूर्य को अर्घ्य और छठ का पारण
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21 नवंबर मंगलवार
अक्षय नवमी सम्पूर्ण दिवस
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23 नवंबर गुरुवार
दिवठन एकादशी , तुलसी विवाह
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24 नवंबर शुक्रवार
प्रदोष,गोवत्स द्वादशी
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25 नवंबर शनिवार
वैकुंठ चतुर्दशी,रात में नर्मदेश्वर शिवलिंग पर तुलसी अर्पण और विष्णु पर बेलपत्र अर्पण
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25 नवंबर रविवार
ब्रताय पूर्णिमा
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27 नवंबर सोमवार
गुरुनानक जयंती
पं रामदेव पाण्डेय, रांची- 8877003232