dharm, religious, Dharma-Karma, Spirituality, Astrology, jyotish Shastra, dharmik totke, vastu Shastra, dharm adhyatm, Sanatan Dharm, hindu dharm, God and goddess, VAT Savitri Puja : प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को वट सावित्री का व्रत रखा जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु की कामना करते हुए वट यानी बरगद पेड़ की पूजा करती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन ही वट वृक्ष के नीचे यमराज ने माता सावित्री के पति सत्यवान के प्राणों को लौटाया था। कहते हैं, वट सावित्री का व्रत रखने से पति की आयु लम्बी होती है और व्रती महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद मिलता है। ऐसे में अगर आप शादी के बाद पहली बार वट सावित्री का व्रत रखने जा रही हैं, तो इन बातों का खास ध्यान रखें।
वट सावित्री व्रत के दिन भूल कर भी न करें ये गलतियां
1. वट सावित्री के दिन भूल कर भी बरगद की टहनियों को नहीं तोड़ना चाहिए। कहते हैं, इसे माता सावित्री का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में बरगद की टहनियों को तोड़ने से आपको पूजा का शुभ फल नहीं मिलेगा।
2. वट सावित्री के दिन सुहागिन महिलाएं सफेद, नीले और काले रंग के कपड़े भूल कर भी न पहनें। सुहाग की पूजा में इन रंगों का इस्तेमाल सही नहीं माना गया है।
3. अगर आप शादी के बाद पहली बार वट सावित्री का व्रत रख रही हैं, तो सुहाग की सभी सामग्री मायके से ही लेनी चाहिए। इसके साथ ही कहते हैं कि पहला वट सावित्री का व्रत ससुराल की जगह मायके में करना चाहिए।
4. वट सावित्री व्रत की कथा जरूर सुनें। कथा के बीच में गलती से भी अपने स्थान से उठ कर नहीं जाना चाहिए। वरना आपकी पूजा अधूरी रह सकती है।
5. सावित्री पूजा में वट वृक्ष पर कच्चा सूत बांधा जाता है। ऐसे में परिक्रमा करते समय अपना पैर दूसरों को न लगने दें; वरना आपकी पूजा खंडित हो सकती है। पूजा का शुभ फल प्राप्त करने के लिए इन बातों का विशेष रूप से ध्यान रखें
वट सावित्री 2024 व्रत तिथि और मुहूर्त
ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि का प्रारम्भ : 05 जून 2024 को शाम 07 बज कर 54 मिनट से
ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि का समापन : 06 जून 2024 को शाम 06 बज कर 07 मिनट पर
वट सावित्री पूजा के लिए शुभ मुहूर्त : 06 जून को सुबह 11 बज कर 52 मिनट से दोपहर 12 बज कर 48 मिनट के बीच
वट सावित्री 2024 व्रत तिथि : 06 जून 2024