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रोजगार की स्थिति को इस तरह जानें, करें मनोनुकूल

रोजगार की स्थिति को इस तरह जानें, करें मनोनुकूल

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Know the status of employment in this way, do it according to your needs : रोजगार की स्थिति को इस तरह जानें। उसे मनोनुकूल करने या और सुधारने के लिए उपाय करें। खुद समझें अपने ज्योतिषीय मामलों की इस कड़ी में मैं इस बार लेकर आया हूं रोजगार की स्थिति के बारे में। जानें कि जन्मकुंडली में कौन से ग्रह इसे निर्धारित करते हैं? किससे रोजगार की स्थिति बहुत अच्छी रहती है? कौन ग्रह इस मामले में जातक को संकट में डाल देता है? साथ ही यह भी जानें कि कैसे इस स्थिति में सुधार कर जीवन को मनोनुकूल बनाया जा सकता है। इसमें मुख्य रूप से कुंडली में दसवां स्थान लग्न सहित विभिन्न ग्रहों की स्थिति की जानकारी दूंगा। साथ ही बताऊंगा कि किन ग्रहों की किन पर दृष्टि रहने का क्या प्रभाव पड़ता है। यदि प्रतिकूल है तो अनुकूल बनाने की विधि की भी जानकारी दूंगा।

जन्मकुंडली में नौकरी व रोजगार का स्थान

दसवां स्थान और छठा भाव जन्मकुंडली में रोजगार की स्थिति को दर्शाता है। अतः नौकरी या काम-धंधे के बारे में जानने के लिए इन्हीं का अध्ययन करना सबसे आवश्यक है। जैसे यदि दसवें स्थान पर सूर्य, मंगल या बृहस्पति की दृष्टि हो और उनका संबंध छठे भाव से हो तो सरकारी नौकरी पाने की प्रबल संभावना रहती है। यदि सरकारी नौकरी नहीं मिले तो निजी क्षेत्र में बड़े व निर्णायक पद को पाता है। इसी तरह दसवें के घर के बलवान होने और उस पर शुभ ग्रहों का प्रभाव रोजगार के लिए कल्याणकारी होता है। इसके विपरीत दसवें स्थान में पाप ग्रह के रहने या दृष्टि पड़ने से जातक को रोजगार के लिए संघर्ष करना पड़ता है। यदि ऐसा है तो पहले रोजगार के जुड़े ग्रह को और सशक्त करने का प्रयास करें। इसके साथ ही पाप ग्रह की शांति के भी उपाय करें। इससे निश्चय ही लाभ मिलेगा।

लग्न में ग्रह व राशि की स्थिति भी अहम

किसी भी व्यक्ति के जीवन में लग्न का सर्वाधिक प्रभाव रहता है। यदि उसमें सूर्य या चंद्रमा हो तो जातक सरकार से जुड़ता है। उसे काफी प्रसिद्धि मिलती है। रोजगार की स्थिति को जानने के लिए भी जन्मकुंडली में लग्न को देखना आवश्यक है। लग्न में मेष, वृष, मिथुन, सिंह, तुला या वृश्चिक राशि है। साथ ही शनि और बृहस्पति एक-दूसरे के केंद्र या त्रिकोण में है तो सरकारी नौकरी या निजी में उच्च पद का योग उत्पन्न करता है। यदि केंद्र में बृहस्पति के साथ चंद्रमा हो या चंद्रमा के साथ मंगल हो तो भी अच्छा योग बनता है। चंद्रमा की दसवें भाव पर दृष्टि का या दशमेश के साथ युति रोजगार के क्षेत्र में अधिक सफलता को दर्शाता है। हालांकि ऐसे जातक को नौकरी मिलने में थोड़ी परेशानी होती है। क्योंकि चंद्रमा की प्रकृति चंचल है। स्थान परिवर्तन व बदलाव का भी सामना करना पड़ता है।

धन स्थान पर बैठे सूर्य नौकरी में उपयोगी

रोजगार की स्थिति को बेहतर बनाने में सूर्य भी उपयोगी है। यदि वह धन स्थान पर बैठा हो और दशमेश को देख रहा हो तो सरकारी नौकरी का योग बन सकता है। ऐसे जातक की खुफिया एजेंसी में नौकरी की संभावना रहती है। मंगल भी स्व राशि या मित्र राशि के रूप में दसवें स्थान पर हो तो बेहतर नौकरी की संभावना बनती है। इसी तरह केंद्र या त्रिकोण में मजबूत चंद्रमा भी रोजगार के शानदार अवसर उपलब्ध कराता है। कुल मिलाकर देखें तो पहले, दसवें और 11 भाव और उनके स्वामी से नौकरी की स्थिति को समझ सकते हैं। अब जानें नौकरी पाने के समय के बारे में।

इस तरह से जानें नौकरी मिलने का समय

नौकरी कब मिलेगी, इसे ग्रहों की दशा और अंतर्दशा से समझा जा सकता है। इसमें कई योग होते हैं। जातक की आयु और स्थिति को देखते हुए सटीक अनुमान लगाया जाता है। उदाहरण के लिए जन्मकुंडली में लग्नेश की दशा और अंतर्दशा का समय देखें। उस समय यदि जातक की उम्र नौकरी लायक हो या वह रोजगार की तलाश में हो तो वह समय नौकरी पाने के लिए उपयुक्त होता है। द्वितीयेश, षष्ठेश, नवमेश, दशमेश और एकादेश की दशा और अंतर्दशा में भी नौकरी का योग बन सकता है। इसी तरह पहले, दूसरे, छठे, नौवें और दसवें भाव के ग्रहों की दशा व अंतर्दशा के समय भी नौकरी का योग बनता है। इसमें ग्रहों की स्थिति, जातक की आयु व अन्य तथ्यों को भी देखना चाहिए। जातक के राहु और केतु की दशा और अंतर्दशा में भी शुभ व अशुभ घटना होती है।

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