Effective and useful shabar mantras for all wishes : शाबर मंत्र से करें हर मनोकामना पूरी। ये प्रयोग में अत्यंत सरल हैं। इनका असर चमत्कारिक होता है। दैनिक जीवन में भी बेहद उपयोगी हैं। ये पहले से सिद्ध हैं। इसलिए प्रयोग से पहले किसी औपचारिकता की भी जरूरत नहीं है। सिर्फ गुरु का ध्यान करें। मंत्र और उसके देवता पर श्रद्धा व विश्वास रखें।
प्रयोग से पूर्व हजार मंत्र का जप उपयोगी
मेरा अनुभव है मंत्रों को प्रयोग में लाने से पूर्व खुद पात्र बनें। इसके लिए संबंधित मंत्र का खुद कम से कम 1000 जप कर लें। जप के लिए समय का ध्यान जरूर रखें। पूर्णिमा, अमावस्या संक्रांति भी उचित समय होता है। यदि 11000 मंत्रों का जप कर सकें तो आपकी ताकत बढ़ेगी।
मंत्र और प्रयोग विधि
1-सर्व कार्य सिद्धि शिव मंत्र
श्रीं ह्रीं ठं ठं ठं नमो भगवते सर्वकार्याणि साधय साधय मां रक्ष रक्ष शीघ्रं मां धनिनं कुरू कुरू हूं फट श्रीयं देहि प्रज्ञां देहि ममापति निवारय निवारय स्वाहा।
प्रयोग विधि : रोज नियत समय व स्थान पर इसे करें। सुबह 10 बजे से पूर्व नहा-धोकर शिव मंदिर में करें तो अच्छा होगा। मंत्र पढ़ते हुए हर मंत्र के साथ शिवजी को एक बेल पत्र चढ़ाएं। सात बार मंत्र जप करते हुए सात बेलपत्र चढ़ाना चाहिए। 21 दिन में मनोवांछित फल मिलने लगेगा। आवश्यकतानुसार समय बढ़ा सकते हैं।
2-दूध उतारने का मंत्र
ऊं दमुन्दनी शाह! दुग्धं कुरू कुरू स्वाहा
प्रयोग विधि : यदि माता के स्तन में दूध सूख जाए। बच्चे की जरूरत से कम हो रहा है। गाय या भैंस के दूध में कमी आ जाए। परेशान न हों। उक्त मंत्र से 21 बार फूंक कर महिला को पिला दें। ऐसा तीन दिन तक रोज करें। महिला के स्तन में भरपूर दूध आ जाएगा। मवेशी के लिए भी ऐसा ही करें।
3-सिर दर्द दूर करने के लिए हनुमान मंत्र
लंका में बैठ के माथ हिलावे हनुमंत। सो देखि के राक्षस-गण पराय दूरंत।।
बैठी सीता देवी अशोक वन में। देखि हनुमान को आनंद भई मन में।।
उर गई विषाद, देवी स्थिर दरशाय। अमुक के सिर व्यथा पराय।।
अमुक के नहीं कछु पीर, नहिं कछु भार। आदेश कामाख्या हरिदासी, चंडी को दोहाई।।
प्रयोग विधि : पीड़ित व्यक्ति को दक्षिणाभि मुख बैठाएं। उसके सिर को अपने हाथ से पकड़ें। इसके बाद मंत्र का उच्चारण करते हुए झाड़ें। इसमें अमुक शब्द में पीड़ित का नामोच्चारण करें।
4-आधा शीशी (अधकपारी) दर्द का मंत्र
(अ) वन में ब्याही अंजनी, कच्चे बन फल खाय। हांक मारी हनुवंत ने, इस पिंड से आधा सीसी उतर जाय।
(ब) ऊं नमो बन में ब्याही बानरी, उछल बृक्ष पै जाय। कूद-कूद शाखा नरी, कच्चे वन फल खाय। आधा तोड़े आधा फोड़े, आधा देय गिराय। हंकारत हनुमान जी, आधा सीसी जाय।
प्रयोग विधि : पीड़ित पर किसी एक मंत्र का प्रयोग करें। मंत्र पढ़ते हुए भस्म से झाड़ें। भस्म पाने के लिए उचित माध्यम आप खुद हैं। प्रयोग से पूर्व जप के दौरान उसी मंत्र कर हवन करें। हवन करते हुए भस्म तैयार करें। उसे अपने पास रख लें। झाड़ते समय उसी का प्रयोग करें।
5-वाक् सिद्धि के लिए सरस्वती मंत्र
ऊं ह्रीं श्रीं ऐं वाग्-वादिनी भगवति! अर्हन्-मुख-निवासिनी-सरस्वती! ममांशे प्रकाशं कुरू-कुरू स्वाहा, ऐं नम:
प्रयोग विधि : दीपावली की रात में नहा-धोकर लें। श्वेत माला पहन कर पूर्वाभिमुख होकर बैठें। सामने सरस्वती की मूर्ति का चित्र रखें। फिर देवी की पंचोपचार पूजा करें। इसके बाद मंत्र का 12 बार जप करें। इससे माता प्रसन्न होती है। साधक को वाक्-सिद्धि देती है।