Dharma adhyatma : आज हम आपको लिए चलते हैं मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम। यहां कोठी बाजार की चौराहे वाली गली में 46 वर्ष पुराना एक मंदिर है। मंदिर की खासियत की बात करें तो यह सिर्फ नागपंचमी पर ही खुलता है और इसे चोरे परिवार द्वारा खोला जाता है। मंदिर के पुजारी मीत चोरे के अनुसार बताया की लगभग साढ़े दशक उनके पिता प्रकाश चोरे ने मंदिर को स्थापित किया था। यह मंदिर महाकाल मंदिर में स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर की तरह साल में सिर्फ एक बार ही खोला जाता है।
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सुबह चार बजे खुलता है मंदिर, रात 12 बजे होता है बंद
इस मंदिर में शिव परिवार की प्रतिमा स्थापित है। साथ ही आसपास 12 नाग-नागिन के जोड़ों को स्थापित किया गया है। नाग पंचमी के दिन नागचंद्रेश्वर भगवान का अभिषेक कर उनका शृंगार किया जाता है। इस मंदिर को मुहूर्त के अनुसार अमृत, शुभ, लाभ में सुबह चार बजे खोला जाएगा। रात्रि 12 बजे इस मंदिर के द्वार बंद कर दिए जाते हैं।
ये 12 जोड़ी मूर्तियां किन-किन की
आपको बता दें कि नागचंद्रेश्चर मंदिर में 12 नाग-नागिन के जोड़ों की प्रतिमाओं को स्थापित किया गया है। मंदिर खुलते ही इन जोड़ों को स्नान कराकर यहां पूजन-अर्चन कर सिंदूर चढ़ाया जाता है। इसमें जरत्कारू (अनन्त), जगदुगौरी (वनसुकि), मनसा (शंखपाल), सिद्धयोगिनी (पद्म), वैष्णवी (कम्बल), नागभागिनी (ककौटक), शैवी (अश्वत्तर), नागेश्वरी (धतृराष्ट्र), जरत्कारूप्रिया (शेषनाग), आस्तीकमाती (कालिया), विशहारा (तक्षक), महाज्ञानयुक्ता (पिंगल) शामिल हैं।