Odisha (ओडिशा) के पुरी स्थित विश्वविख्यात जगन्नाथ मंदिर में फिलहाल कुछ दिनों तक श्रद्धालुओं को महाप्रसाद मिलने में दिक्कत होगी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बताया जा रहा है कि यहां जिन चूल्हों पर महाप्रसाद बनाया जाता है, उनमें मिट्टी के 40 चूल्हे 3 April को क्षतिग्रस्त अवस्था में पाए गए। इन चूल्हों पर बनाए गए महाप्रसाद को पहले भगवान जगन्नाथ को अर्पित किया जाता है,उसके बाद श्रद्धालुओं में वितरित किया जाता है। ये चूल्हे दुनिया की सबसे बड़ी रसोई ‘रोसा घर’ में थे। जानकारी के अनुसार, लगभग 300 Quintal ( कुंतल) चावल इस रसोई में रोज पकाया जाता है।
जिला कलेक्टर बोले, तोड़फोड़ के जिम्मेदार लोगों पर होगी कार्रवाई
मंदिर में तोड़फोड़ की जानकारी मिलने के बाद जिला कलेक्टर समर्थ वर्मा ने पुलिस अधीक्षक वीके सिंह के साथ घटनास्थल का दौरा किया था। जिला कलेक्टर ने कहा, ‘रोसा घर में लगभग 40 चूल्हों के साथ तोड़फोड़ की गई है। हमने इस संबंध में एक रिपोर्ट मांगी है और इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।’
उन्होंने बताया कि घटना में शामिल लोगों की पहचान करने के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही हैं। पुलिस और मंदिर के अधिकारियों की ओर से एक संयुक्त जांच का आदेश भी जारी किया गया है। जिला कलेक्टर ने कहा कि इस घटना से फिलहाल श्रद्धालुओं को महाप्रसाद मिलने में असर पड़ेगा, लेकिन दो दिन के अंदर हालात सामान्य हो जाएंगे।
12वीं सदी का मंदिर, 240 पंजीकृत चूल्हे
रिकॉर्ड्स ऑफ राइट्स (आरओआर) के अनुसार 12वीं शताब्दी के इस मंदिर की रसोई में 240 पंजीकृत चूल्हे हैं। इनमें से 40 को नुकसान पहुंचा है। रसोई में प्रवेश की अनुमति केवल सुआराओं (रसोइये) को होती है। शक है कि शनिवार रात हुई इस घटना में कुछ सेवकों का हाथ हो सकता है। इस घटना से मंदिर की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।