Home
National
International
Jharkhand/Bihar
Health
Career
Entertainment
Sports Samrat
Business
Special
Bright Side
Lifestyle
Literature
Spirituality

नरक चतुर्दशी पर कोलकाता में दंपत्ति ने की कुत्तों की पूजा, पूछने पर दिया ऐसा तर्क की आप चौक जायेंगे 

नरक चतुर्दशी पर कोलकाता में दंपत्ति ने की कुत्तों की पूजा, पूछने पर दिया ऐसा तर्क की आप चौक जायेंगे 

Share this:

Dharma-Karma, Spirituality, Astrology, Dharm- adhyatm, dharm adhyatm, religious,  narak chaturdshi, Kolkata news, West Bengal news:  नरक चतुर्दशी पर कोलकाता के चंदनपुर में आश्चर्य में डालने वाली घटना हुई है। यहां की गली में घूमने वाले अधिकतर कुत्ते साफ सुथरा दिख रहे हैं। कुत्तों के गले में फूलों की माला थी, माथे पर तिलक लगा था। इस बारे में जब जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि यहां के एक दंपत्ति ने इन कुत्तों की पूजा की है। बताते चलें कि इस तरह से कुत्तों की पूजा अब तक उत्तराखंड और नेपाल आदि क्षेत्र में होती रही है। इसे कुत्ता तिहार कहा जाता है, परंतु पहली बार कुत्ता तिहार पश्चिम बंगाल में देखने को मिला है।

कुत्तों के गले में डाल दी फूलों की माला

इस बाबत मिली जानकारी के अनुसार चंदननगर में रहने वाले दंपत्ति संचिता पाल व पिकासो पाल को कुत्तों से बहुत ज्यादा प्यार है। उन्हें क्षेत्र में लोग एक पशु प्रेमी के रूप में जानते हैं। शनिवार की सुबह इस दंपत्ति ने कई स्ट्रीट डॉग्स को पकड़ कर उन्हें नहाया। इसके बाद उनके गले में मालाएं डाल दीं। उनकी पूजा करते हुए उन्हें तिलक भी लगाया। इस दौरान इस दंपत्ति ने कुत्तों के खाने पीने के लिए खास भोजन जैसे चावल और मांस आदि की व्यवस्था भी की। कुत्तों की सेवा और पूजा करने को लेकर चंदन नगर के लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।

कुत्ता यमराज का प्रिय पशु माना जाता है

दंपती के अनुसार इस तरह से कुत्ता पूजन की परंपरा उत्तर भारत में पहले से है, लेकिन पश्चिम बंगाल में ऐसा नहीं होता। उन्होंने बताया कि काली पूजा के दौरान लोग कुत्तों को प्रताड़ित और तंग करते हैं। कोई उनकी पूछ में काली पटका बांध देता है तो कोई पटाखे लगा देता है। इस तरह की घटनाओं में कई बार कुत्ते मर जाते हैं अथवा जख्मी हो जाते हैं। ऐसे में लोगों को जागरूक करने के लिए उन्होंने कुत्तों के साथ ऐसा किया है। दंपति में आगे बताया कि नेपाल में कुत्ता तिहार उत्सव काफी प्रसिद्ध है। लेकिन यह त्योहार अब उन्होंने बंगाल में भी प्रारंभ किया है। संचिता के अनुसार कुत्ते को मृत्यु के देवता भगवान यमराज का प्रिय पशु माना गया है। ऐसे में लोग यमराज को प्रसन्न करने के लिए नेपाल व उत्तराखंड के अलावा सिक्किम, मणिपुर, हिमाचल प्रदेश और नागालैंड आदि क्षेत्रों में कुत्ता तिहार मनाते हैं।

Share this: