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Rakshabandhan : रक्षाबंधन में गजब का चलन : यहां रक्षासूत्र को तोड़ने की फिराक में रहतीं हैं सालियां

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Dharma-Karma, Spirituality, Astrology, Dharm – adhyatm, religious, rakshabandhan : विविधताओें से भरे इस देश में हजारों परंपराएं हैं। मान्यताएं हैं। इनमें से कुछ अजीब भी हैं, परंतु इसके भी अपने मायने है। चूंकि रक्षा बंधन नजदीक है तो आइये हम इससे ही जुड़ी कुछ बातें करते हैं। इसके लिए हम आपको लिए चलते हैं हिमाचल की मंडी के सराज क्षेत्र में और आपको बताते हैं यहां की एक अनूठी परंपरा, जहां सालियां बहनों द्वारा बांधे गए रक्षासूत्र को तोड़ने की फिराक में रहतीं हैं और जीजा उसने बचने का हर संभव प्रयास करता है। आइये विस्तार से जानें…

जन्माष्टमी तक चलता है रक्षाधागा तोड़ने का सिलसिला 

हिमाचल के सराज क्षेत्र में रक्षा बंधन से जुड़ी अनोखी परंपरा की बात करें तो यह परंपरा भी जीजा और साली के रिश्ते की ही तरह मस्ती भरी है। इस परंपरा के तहत जीजा को अपनी बहन द्वारा बांधे गए रक्षाबंधन के धागे की हर हाल में रक्षा करनी होती है, ताकि वह अपनी बहन को दिए रक्षा के वचन की मर्यादा को निभा सके। वहीं, सालियां इस फिराक में रहती हैं कि वे मौका मिलने पर जीजा की कलाई पर बंधे रक्षा के धागे को तोड़ दे। इसके लिए उन्हें छल और बल का सहारा लेना पड़ता है। रक्षा का धागा तोड़ने का क्रम जन्माष्टमी तक जारी रहता है।

… तो सालियां लेती हैं जीजा की सतर्कता का इम्तिहान

अगर इस दौरान कोई जीजा इस धागे को बचाने में सफल होता है तो वह सायर वाले दिन पूजन के समय स्वयं इस धागे को तोड़ कर सायर को समर्पित करता है। ऐसा माना जाता है कि सालियों द्वारा रक्षाबंधन के इस पवित्र धागे को तोड़ने के पीछे यह भी तर्क हो सकता है कि बहन ने जिस उम्मीद और विश्वास के साथ भाई की कलाई पर रक्षाबंधन का धागा बांधा है, वह उसकी रक्षा के लिए कितना सतर्क और समर्पित है। एक तरह से सालियां अपने जीजा की सतर्कता का इम्तिहान लेती हैं कि वह अपने कर्तव्य के प्रति कितना निष्ठावान है।

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