Spiritual story : बालि जब मृत्यु शैय्या पर पड़ा था, उसने अपने पुत्र अंगद से ज्ञान की तीन बातें कहीं थीं। ये वो बातें हैं, जिसका अनुशरण कर आज भी व्यक्ति बुरे समय से बच सकता है। उसने कहा था कि देश, काल और परिस्थितियों को समझकर ही बुरे समय से बचा जा सकता है। किसी व्यक्ति को किसके साथ कब, कहां और कैसा व्यवहार करना है इसका सही निर्णय लेना चाहिए। किसी भी व्यक्ति को पसंद-नापसंद, सुख-दु:ख को सहन करना चाहिए और क्षमाभाव के साथ जीवन व्यतीत करना चाहिए। ये बातें बालि ने तब कहीं थीं, जब कुमार्ग पर चलकर अनीति का पर्याय बन गये बालि की प्रताड़ना से सुग्रीव को बचाने के लिए प्रभु श्रीराम ने बालि को बाण मारा था। तब वह घायल होकर पृथ्वी पर गिर पड़ा था। जीवन का अंत समय जानकर उसने पुत्र अंगद को अपने पास बुलाया और उससे ज्ञान की बातें कहीं। उसने आत्मावलोकन करते हुए अंगद से कहा कि इन बातों को ध्यान में रखते हुए अब तुम सुग्रीव के साथ रहो। आज भी अच्छे-बुरे हालात में शांति और धैर्य के साथ आचरण करना चाहिए।
बालि ने अंगद को किया राम के हवाले
जब प्रभु श्री राम के बाण से घायल होकर बालि पृथ्वी पर गिर पड़ा था, तब भगवान श्री राम उसके समक्ष पहुंचे। तब बालि ने उनसे कहा कि आप धर्म की रक्षा करते हैं , तब आपने मुझे इस प्रकार क्यों मारा? इस प्रश्न के उत्तर में प्रभु श्रीराम ने कहा कि छोटे भाई की पत्नी, बहिन, पुत्र की पत्नी और पुत्री यह सब मर्यादा के समान होती हैं। इन सभी को पुत्री की नजरों से देखना चाहिए। जो व्यक्ति इन्हें बुरी नजर से देखता है, उसे मारने में पाप नहीं लगता है। बालि तुमने अपने भाई सुग्रीव की पत्नी पर बुरी नजर रखी थीं और अपने भाई सुग्रीव को मारना चाहा। इस पाप और अनीति के कारण हमने तुझे बाण मारा है। इस उत्तर से वह संतुष्ट हो गया और श्रीराम से अपने किए पापों के प्रति क्षमा याचना की। इसके बाद बालि ने अगंद को श्रीराम की सेवा में सौंप दिया।
… और श्रीराम ने विलाप कर रही बालि की पत्नी तारा को बताया जीवन का रहस्य
इसके बाद बालि ने अपने प्राण त्याग दिए। बाली के शव के पास बैठकर उसकी पत्नी तारा विलाप करने लगी। तब श्रीराम ने तारा को भी ज्ञान दिया कि यह शरीर पृथ्वी, जल, अग्नि, आकाश और वायु से मिलकर बना है। बालि का शरीर तुम्हारे सामने सोया है, लेकिन उसकी आत्मा अमर है तो विलाप नहीं करना चाहिए। इस प्रकार समझाने के बाद तारा शांत हुई। इसके बाद श्रीराम ने सुग्रीव को राज्य सौंप दिया।