हिंदू धर्म की आस्था और मान्यता के अनुसार, हनुमान जी हर युग में हमारे जीवन के साथ विद्यमान रहा करते हैं। वह रामदूत हैं और मानव जीवन के उद्धारक भी। उनकी स्मृति और उनके पूजन से जीवन शक्तिशाली, निर्भय और ऊर्जा से भरपूर बना रहता है। यदि हम अपने जीवन में हनुमान चालीसा का पाठ नियमित रूप से करते हैं, तो बल (Strength), बुद्धि (Intellect) और विद्या (Knowledge) का हमारा भंडार समृद्ध होता है।
कई तरह की तकलीफों का नाश
हनुमान चालीसा के पाठ से कई तरह की तकलीफों का नाश हो जाता है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि के साथ आरोग्य का वास होता है। हनुमान चालीसा एक बेहद सहज और सरल बजरंगबली की आराधना में की गई एक काव्यात्मक 40 छंदों वाली रचना है। 40 छंद होने के कारण ही इसे चालीसा कहा जाता है। हनुमान चालीसा के पाठ का विशेष महत्व बतलाया गया है। आधुनिक युग की भागमभाग में हनुमान चालीसा ही एक ऐसा पाठ है,जिसे तुरंत ही आसानी से पढ़ा जा सकता है, लेकिन उसके लिए हनुमानजी की भक्ति जरूरी है।
हनुमान जी को अमरत्व का वरदान
हमें सदियों से बताया गया है कि हनुमान जी का प्रताप चारों युगों में रहा है और आगे भी रहेगा, क्योंकि वे अजर-अमर हैं। उन्हें अमरत्व का वरदान मिला हुआ है। वे जब तक चाहें शरीर में रहकर इस धरती पर मौजूद रह सकते हैं। सिर्फ इस बात के लिए ही हनुमान चालीसा का आधुनिक दुनिया में महत्व नहीं बढ़ जाता है,बल्कि इसलिए कि पूरे ब्रह्मांड में हनुमानजी ही एकतात्र ऐसे देवता हैं, जिनकी भक्ति से हर तरह के संकट हल हो जाते हैं और यह एक चामत्कारिक सत्य है।
तुलसीदास ने लिखा है हनुमान चालीसा
हनुमान चालीसा को अवधी भाषा में हिंदी के महानतम कवि तुलसीदास जी ने लिखा है। हनुमान चालीसा से पहले भी हनुमानजी पर कई चालीसा लिखी गई और कई स्तुतियां भी लिखी गई थीं, लेकिन हनुमान चालीसा का महत्व इसीलिए आधुनिक युग में है, क्योंकि यह पढ़ने और समझने में बहुत ही सरल है और यह भी कि इस चालीसा में हनुमानजी के संपूर्ण चरित्र का वर्णन हो जाता है, जिससे उनकी भक्ति करने में आसानी होती है।