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Religion And Spirituality : गणेश चतुर्थी के दिन भूलकर भी न देखें चंद्रमा को, क्योंकि लगता है झूठा कलंक, श्री कृष्ण को भी झेलनी पड़ी थी परेशानी

Religion And Spirituality : गणेश चतुर्थी के दिन भूलकर भी न देखें चंद्रमा को, क्योंकि लगता है झूठा कलंक, श्री कृष्ण को भी झेलनी पड़ी थी परेशानी

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Ganesh chaturthi ke din bhul kar bhi Na dekhe chandrama ko, Sanatan Dharm, hindu dharm : गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखना क्यों नहीं चाहिए? आज आपको हम इसके पीछे का कारण बताने जा रहे हैं।  आपने शायद सुना होगा कि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी यानी गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखना अशुभ माना जाता है। लेकिन इसका कारण क्या है, यह बहुत कम लोग ही जानते हैं। इस दिन चंद्रमा को देखने से मिथ्या कलंक लगता है। इसी कारण स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने भी परेशानी झेली थीं और उन पर स्यमंतक मणि की चोरी करने का आरोप लगा था। इस कथा के पीछे के रहस्य को आज हम आपके साथ साझा करेंगे।

गणेश भगवान ने दिया था चंद्रमा को श्राप

भगवान गणेश का जन्म एक साधारण दिखने वाले शिशु के रूप में हुआ था। भगवान गणेश की उत्पत्ति माता पार्वती ने अपने शरीर के मैल से किया था। इसके बाद एक घटना के कारण भगवान शिव ने क्रोधित होकर अनजाने में अपने पुत्र गणेश का सिर काट दिया था। पुत्र की मृत्यु की खबर सुनकर माता पार्वती विलाप करने लगीं,तब भगवान शिव के आदेश पर गणेश के मृत शरीर पर एक हाथी का सिर लगाया गया था। इसके बाद से उनके बड़े-बड़े कान, सूंड और दो बड़े दांत हो गये। एक दिन गणेश जी आराम कर रहे थे। उस समय चंद्रमा ने उनके गजमुख को देखकर मुस्कुरा दिया। चंद्रमा का मुस्कुराना गणेश भगवान को अपमान लगा। इसके बाद उन्होंने तुरंत चंद्रमा को श्राप दिया कि अब तुम्हारा प्रभाव कम होगा और जो भी तुम्हें देखेगा, उस पर गलत आरोप लगेगा। गणेश भगवान के श्राप देने के बाद चंद्रमा बहुत डर गये। चंद्रमा तुरंत सहायता के लिए देवताओं की शरण में चले गए। इसके सभी देवताओं ने गणेश जी से अनुरोध करके उनके श्राप को वापस लेने की प्रार्थना की। चंद्रमा ने अपनी गलती को समझा और गणेश जी से क्षमा मांगी। इसके बाद गणेश भगवान को चंद्रमा पर दया आ गई। 

भगवान श्रीकृष्ण पर भी लगा था चोरी का झूठा आरोप

गणेश जी ने कहा कि उनका श्राप कभी मिथ्या नहीं हो सकता है, और इसी कारण यह समाप्त नहीं होगा। इसे मैं थोड़ा कम कर सकता हूं। इसलिए जो व्यक्ति केवल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन करेगा, उस पर मिथ्या कलंक लगेगा। इसके बाद चंद्रमा का प्रभाव पंद्रह दिनों तक कम होगा और फिर से पंद्रह दिनों तक बढ़ेगा। इसलिए गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन नहीं करना चाहिए। 

शास्त्रों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने द्वापर युग में गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखा था। इस घटना के परिणाम स्वरूप, उन पर एक मिथ्या आरोप लगा था कि उन्होंने स्यमन्तक मणि चोरी की थी। इसलिए उन्हें जाम्बवंत जी के साथ युद्ध करना पड़ा और उसमें सफलता मिली, जिससे वह मणि प्राप्त हुई और उन्होंने अपने पर लगे झूठे आरोपों को समाप्त किया। यदि गलती से भी आप गणेश चतुर्थी को चंद्रमा के दर्शन कर लेते हैं, तो आप नीचे दिए गए मंत्र का 108 बार जाप करके उसका दोष समाप्त कर सकते हैं।

सिहः प्रसेनम्‌ अवधीत्‌, सिंहो जाम्बवता हतः।

सुकुमारक मा रोदीस्तव ह्येष स्वमन्तकः॥

मंत्र इसलिए विशेष है क्योंकि यह स्यमंतक मणि की चोरी और उसके मिलने की कथा से संबंधित है। इससे श्रीकृष्ण दोषमुक्त हुए थे। इसलिए इस मंत्र का जाप करने से भक्त चंद्रदर्शन के दोषों से मुक्त हो जाते हैं।

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