Angkor Wat temple is dedicated to Lord Vishnu, the sunrise here is very amazing. dharm, religious, Dharma- Karma, Spirituality, Astrology, jyotish Shastra, dharmik totke, dharm adhyatm : भारत अपनी संस्कृति और इतिहास के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। यहां की संस्कृति और पुरातन संस्कृति की झलक पूरे विश्व में देखने को मिलती है। इसका एक उदाहरण कंबोडिया के मध्य में स्थित अंगकोर वाट मंदिर है। इस मंदिर को दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर कहा जाता है। इटली के पोम्पेई को पीछे छोड़ते हुए अंगकोर वाट मंदिर दुनिया का आठवां अजूबा बन गया है।…तो आइए, इस मंदिर की कुछ अहम बातों के बारे में जानते हैं…।
भगवान विष्णु को समर्पित है मंदिर
मुख्य रूप से अंगकोर वाट मंदिर भगवान श्रीहरि विष्णु को समर्पित था। हालांकि, बाद में यह मंदिर बौद्ध मंदिर बन गया। मंदिर के मध्य भाग में कमल के आकार की पांच मीनारें बनी हैं, जो सनातन धर्म की खूबसूरती को दर्शाने का काम करती हैं। साथ ही, ये मीनारें हिन्दू और बौद्ध मान्यताओं का प्रतिनिधित्व करती हैं। इस मंदिर की दीवारों पर हिन्दू और बौद्ध इतिहास की कहानियों की भी झलक देखने को मिलती है।
बेहद विशाल है यह मंदिर
राजा सूर्यवर्मन द्वितीय ने 12वीं शताब्दी में अंगकोर वाट मंदिर का निर्माण कराया था। इस मंदिर का विश्व स्तर पर एक प्रसिद्ध स्थान है और इसने दुनिया के आठवें अजूबे के रूप में पोम्पेई का स्थान ले लिया। अंगकोर वाट मंदिक एक विशाल धार्मिक स्मारक होने के साथ यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल है। यह करीब 500 एकड़ में बना हुआ है।
अंगकोर वाट मंदिर से जुड़ीं अहम बातें
अंगकोर वाट मंदिर की डिजाइन बेहद प्रभावशाली है। साथ ही, मंदिर सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से भी बेहद महत्त्वपूर्ण है। यह एक सक्रिय धार्मिक स्थल है। यहां पर बौद्ध भिक्षु प्रार्थना और ध्यान करने के लिए आते हैं।
इस मंदिर के टावरों पर सूर्योदय देखने को मिलता है, जो नारंगी, गुलाबी और सोने जैसे खूबसूरत रंगों से वहां की सुन्दरता को बढ़ाने का काम करता है। यह मंदिर कंबोडिया के समृद्ध और खुशहाल इतिहास का प्रतीक माना जाता है।