Religious News: हमारे वैदिक शास्त्रों के अनुसार गुरुवार का दिन भगवान विष्णु का माना जाता है। इस दिन भगवान की पूजा कर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से भक्त को विशेष कृपा प्राप्त होती है। ज्योतिष मान्यता के अनुसार यदि किसी जातक की कुंडली में गुरु की स्थिति कमजोर है अथवा इस ग्रह को लेकर कोई और परेशानी है। तब इसकी शांति के लिए भी गुरुवार को भगवान विष्णु की आराधना श्रेष्ठकर है। भगवान की पूजा के लिए मुख्य रूप से पीली चीजों का प्रयोग आवश्यक है, जैसे- केला, बेसन के लड्डू, पीले चावल आदि।
विष्णु की पूजा से घर में होता है महालक्ष्मी का वास
मान्यता के अनुसार गुरुवार के दिन बृहस्पति भगवान का व्रत काफी शुभ है। इस दिन के स्वामी भगवान विष्णु हैं। उनकी श्रद्धापूर्वक पूजा करने से घर परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रह्ती है। महालक्ष्मी भगवान विष्णु की अर्धांगिनी हैं। ऐसा कहा जाता है कि घर में इस व्रत को करने से वहां महालक्ष्मी जी का वास होता है और घर से आर्थिक परेशानियां दूर रहती है।
सहज है भगवान की पूजा विधि
भगवान विष्णु की पूजा काफी सहज है। इसमें भक्त किसी भी आडंबर के बजाय स्वयं इस व्रत को कर सकता है। इसके लिए किसी पंडित या पुरोहित की अनिवार्यता नहीं है। इसके लिए गुरुवार के दिन पूजा के समय भगवान विष्णु को हल्दी, चना दाल, पीले रंग का वस्त्र, गुड़, नवेद्य आदि अर्पित किया जाता है। भक्त के लिए भी पीले वस्त्र के धारण का विधान है। पीला वस्त्र पहनने और दान करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।
भगवान को चावल व पीले फूल अर्पित करें
व्रत के दिन भक्त सुबह स्नान के बाद घर के मंदिर में जाएं और भगवान के स्थान एवं उनकी प्रतिमा या फोटो की सफाई कर उन्हें चावल एवं पीले फूल अर्पित करें। उसके उपरांत एक तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें थोड़ी हल्दी डालकर भगवान विष्णु या केले के पेड़ की जड़ को स्नान कराए। अब उस लोटे में गुड़ एवं चने की दाल डाल कर रख ले । अगर आप पूजा घर में अथवा केले के पेड़ के पास बैठकर कर रहें हैं, दोनों ही अवस्था में पूजा के उपरांत इस जल को पूजा के बाद केले के जड़ में डाल दीजिए।