Religion Spirituality and Astrology, vastu Shastra, vastu tips : रात्रि के समय, जब शरीर दिनभर की थकान से घिरा होता है, उसे आराम देना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। अच्छी नींद के अलावा, इस वक्त ध्यान देने योग्य कुछ नियमों का पालन भी अनिवार्य है। हिंदू धर्म और वास्तु शास्त्र में, सोने से संबंधित कुछ विधियाँ बताई गई हैं। इनके पालन से व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिति आदि में सुधार होता है। आइए जानते हैं कि सोते समय दिशाओं, सोने के तरीकों, स्थानों आदि का कैसे और क्यों ध्यान रखना आवश्यक होता है।
सोते समय इन जरूरी बातों का रखें ध्यान
✓वास्तु के अनुसार, पूर्व की दिशा में सिर रखकर सोने से शुभ फल मिलते हैं। यह सकारात्मकता और अध्ययन में समर्पण को बढ़ाता है। वहीं, पश्चिम की दिशा में सिर रखकर सोने से भी लाभदायक प्रभाव होता है, जिससे यश और कीर्ति में वृद्धि होती है।
✓वास्तुशास्त्र में, उत्तर दिशा को सबसे शुभ दिशा माना जाता है, लेकिन इस दिशा में सिर रखकर सोने से कुछ बीमारियाँ हो सकती हैं।
✓दक्षिण दिशा में सिर रखकर सोने से नकारात्मक विचार नहीं आते हैं। इस दिशा में सोने से तनाव कम होता है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
✓शास्त्रों में यह कहा जाता है कि किसी भी समय टूटी हुई खाट-पलंग या गंदे बिस्तर पर सोना नहीं चाहिए।
✓जब भी हमें सोने का वक्त आता है, तो हमेशा यह ध्यान देना चाहिए कि हम जूठे मुंह से पहले कभी भी सोने नहीं चाहिए। सोने से पहले हमेशा हाथ-पैर धोने की सलाह दी जाती है।
✓इसके साथ ही, हमेशा यह ध्यान देना चाहिए कि हम कभी भी निर्वस्त्र होकर नहीं सोते हैं।
✓विशेष रूप से हमें सोते समय कभी भी सूने-निर्जन घरों, श्मशानों, मंदिरों के गर्भगृह और अंधेरे कमरों में नहीं सोना चाहिए।