Kalyug mein Kab hoga Kalki Avatar : विष्णु पुराण के अनुसार भगवान विष्णु के इस कल्प में दस कुल अवतार होने की भविष्यवाणी है। इनमें से नौ अवतार पहले हो चुके हैं। अब केवल एक अवतार शेष रह गया है, जिसे कल्कि अवतार कहा जाता है। यह अंतिम अवतार इस कल्प के कलियुग के अंत में और आने वाले कल्प के सतयुग की शुरुआत में प्रकट होगा। विष्णु भगवान का कल्कि अवतार उत्पन्न होगा। जब इस विश्व में पाप का अत्यधिक वृद्धि होगी और सनातन मूल्यों का बहुतायत से अत्याचार होगा। उस समय भगवान विष्णु कल्कि रूप में जन्म लेकर पृथ्वी पर पुनः सतयुग की शुरुआत करेंगे। आज हम कल्कि अवतार के बारे में कुछ रोचक तथ्यों के बारे में जानेंगे।
∆विष्णु भगवान का यह अवतार उत्तर प्रदेश राज्य के चौपाला जिले (जिसे वर्तमान में मुरादाबाद के नाम से जाना जाता है) के संभल ग्राम में एक ब्राह्मण परिवार में जन्मेगा, जहां माता-पिता का नाम सुमति और विष्णुयश होगा।
∆भगवान कल्कि के तीन बड़े भाई होंगे, जिनके नाम सुमंत, प्राज्ञ और कवी होंगे। उनका विवाह माता लक्ष्मी के रूप में पद्मिनी से होगा। उनके चार पुत्र भी होंगे, जिनके नाम जय, विजय, मेघमाल और बलाहक होंगे।
∆एक विश्वसनीय सन्दर्भ के अनुसार, भगवान श्रीराम का विवाह एक स्त्री से भी होगा जिसका नाम रमा है। इस स्त्री ने त्रेता युग में वैष्णवी नाम से जन्म लिया था और उन्होंने भगवान श्रीराम से विवाह की इच्छा प्रकट की थी। उस समय श्रीराम ने अपने विवाह वचन के अनुसार उनसे कहा था कि कलियुग में कल्कि अवतार के रूप में वे ही उनसे विवाह करेंगे।
∆कल्कि अवतार में, भगवान कल्कि चौसठ कलाओं से युक्त होंगे और वे श्वेत रंग के घोड़े पर सवार होंगे, जिनका नाम देवदत्त होगा। उनके एक हाथ में तलवार और दूसरे हाथ में तीर कमान होगा, जिसकी सहायता से वे दुष्टों का संहार करेंगे।
∆कल्कि अवतार के बारे में कहा जाता है कि वह कलियुग के अंतिम चरण में जन्म लेगा, लेकिन वर्तमान में सिर्फ प्रथम चरण चल रहा है। इसलिए कल्कि अवतार के होने में अभी बहुत समय बाकी है।
∆कल्कि अवतार का कार्य न केवल कलियुग को समाप्त करना है, बल्कि उनका अगले कल्प (युग) की शुरुआत भी करना होगा, जो कि सतयुग कहलाता है। इसमें पृथ्वी पर पाप का पूरा नाश होगा। कल्कि अवतार को दुष्टों के लिए महाविनाशक और धर्म की पुनर्स्थापना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
∆भगवान कल्कि के पास एक रहस्यमयी तोता भी होगा, जिसका नाम शुक होगा। यह तोता समय-समय पर भगवान कल्कि को ज्ञान प्रदान करके भूतकाल, वर्तमान काल और भविष्य का संपूर्ण ज्ञान रखेगा।
∆भगवान विष्णु के छठे अवतार, भगवान परशुराम, कल्कि भगवान के गुरु की भूमिका निभाएंगे। वे खुद ही कल्कि भगवान को अस्त्र-शस्त्र का उपयोग करने और धर्मशास्त्रों की विद्या में प्रवीण होने के लिए तैयार करेंगे, और उनका मार्ग सुगम बनाने का कार्य करेंगे।
∆कल्कि अवतार के बारे में कहा जाता है कि वे सभी देशों के शासकों को पराजित करके उन्हें मार डालेंगे और सभी अधर्मियों को अपनी तलवार से नष्ट कर देंगे। उन्हें इस संसार के साथ-साथ समुद्र पर भी राज्य करने का दावा है।
∆कल्कि अवतार के बारे में कथाएं हिंदू धर्म के साथ-साथ जैन, बौद्ध और सिख धर्म में भी मौजूद हैं। इन धर्मों के अनुसार भविष्य में एक ऐसा अवतार जन्म लेगा जो इस दुनिया से पाप को समाप्त कर देगा।